Automobile में customization से आप क्या समझते हैं? जानें इसके बारे में सबकुछ

By अंकित सिंह | Mar 06, 2023

कोई भी वाहन आपके हिसाब से परफेक्ट नहीं होता है। खरीदने के बाद भी आप उसमें कुछ ना कुछ बदलाव चाहते हैं। हालांकि, कई बार वाहन खरीदने से पहले भी उसमें बदलाव के विकल्प आपको मिलते हैं। पहले के जमाने की बात करें तो कहीं ना कहीं वाहन गिने-चुने लोगों के लिए ही बनाए जाते थे और उनके डिमांड पर ही उसका निर्माण कार्य होता था। पैसे वाले लोग अपनी जरूरत के हिसाब से कंपनी को चीजें बताते थे। इसके बाद कंपनी उनकी जरूरत को ध्यान में रखते हुए कार को तैयार करती थी। हालांकि, अब परिस्थितियां बदल गई है। आज काफी अधिक संख्या में एक साथ वाहनों का निर्माण किया जाता है। वाहनों के निर्माण के दौरान कंपनियां अपने टारगेट ऑडियंस के बड़े समूह को ध्यान में रखती हैं। ऐसे में कई बार कार आपके व्यक्तिगत जरूरतों के लिए फिट नहीं बैठ पाता है। 

 

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इसी दौरान अपने वाहन को कस्टमाइज्ड कराने का आपके पास एक विकल्प मौजूद रहता है। आप चाहे तो वाहन खरीदने से पहले कंपनी को अपनी जरूरत की चीजों को बता दें। कंपनी आपके हिसाब से अपने उस वाहन को तैयार करेगी। हालांकि, नियमित वाहनों की तुलना में कस्टमाइज्ड वाहन थोड़े महंगे जरूर होंगे। जो वाहन बड़े ऑडियंस को ध्यान में रखकर तैयार किए जाते हैं, इसमें व्यक्तिगत स्तर पर कोई ना कोई कमी रह ही जाती है। कस्टमाइजेशन किसी भी व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं के अनुसार अपने वाहन को पर्याप्त रूप से संशोधित करने का एक विकल्प प्रदान करता है। कस्टमाइजेशन का मुख्य उद्देश्य यह भी हो सकता है कि आप अपने वाहन को अन्य की तुलना में बेहतर दिखाना चाहते हो। 


कस्टमाइजेशन में अपनी पसंद के इंजन के अलावा वाहन के लुक, कलर, एसी, ब्रेक, सेफ्टी जैसी चीजों में भी बदलाव करवा सकते हैं। कस्टम निर्माता वाहनों को उनकी शैली के साथ-साथ किसी और के पसंद के लिए उसे टच दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ लोग कार्बन फाइबर बाहरी भागों जैसे पेंटिंग, डेकल्स और सहायक उपकरण बदलने, रोशनी जोड़ने जैसे शीर्ष पर जोड़े गए विशिष्ट सुविधाओं का आनंद लेना चाहते हैं। कारों को कस्टमाइज्ड करना एक पुरानी प्रथा है जो द्वितीय विश्व युद्ध से पहले की है। जैसे ही कार अनुकूलन का शब्द फैला, कई कंपनियों ने वाहनों पर अपना लोगो लगाकर विज्ञापन देने के लिए इसका उपयोग करना शुरू कर दिया। कस्टम बिल्डर्स ने फिर इसे एक कदम आगे बढ़ाया और क्रोम जोड़ते हुए हेडलैंप हाउसिंग, बंपर सहित और भी ऑटो पार्ट्स को बदल दिया।

 

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कुछ संभ्रांत ऑटोमोबाइल कंपनियां ग्राहकों की व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार कारों का निर्माण करती हैं, जिसे 'मेड टू ऑर्डर कार' भी कहा जाता है। जबकि उनकी कई अन्य कस्टम कार कंपनियां हैं जो ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुसार पहले से ही कारों को अपग्रेड, कस्टमाइज़ और यहां तक ​​कि 'रिस्टोर' कर सकती हैं। 1950 के दशक में, कस्टम कार निर्माताओं ने अपने काम में बॉ़डी मोडिफिकेशन को शामिल करना शुरू किया। आज, कारों को कस्टमाइज़ करना पहले से कहीं अधिक लोकप्रिय है। बहुत से लोग व्यक्तिगत पसंद के लिए अपनी वाहन के कस्टमाइजेशन की ओर रुख कर रहे हैं। इंजन में बदलाव से लेकर पेंट जॉब और एसेसरीज तक, अपनी राइड को कस्टमाइज करना इसे पहले से कहीं ज्यादा पर्सनलाइज्ड बना सकता है।

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