By अभिनय आकाश | Feb 11, 2025
मुल्क में राष्ट्रीय शोक के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा। लेकिन सीमा पर राष्ट्रीय शोक चलने की बात नई है। भारत के प्रधानमंत्री आज जैसे ही पेरिस और वाशिंटन के दौरे पर गए हैं। इस्लामाबाद से लेकर रावलपिंडी तक हलचल तेज हो गई है। तमाम पाकिस्तान के हुक्मरान, उनके फौजी, जनरल उनका दिल बैठने लगा है। पाकिस्तान में इस बात का शोर जोर पकड़ रहा है कि राफेल मरीन, न्यूक्लियर सबमरीन, अटैक ड्रोन, फिफ्थ जेनरेशन के फाइटर जेट, एडवांस तकनीक ये सब भारत तीन दिन में लेकर आएगा और इसका जोर पाकिस्तान पर आजमाएगा। इधर भारत के प्रधानमंत्री पेरिस, वाशिंगटन के दौरे के लिए निकले उधर पाकिस्तान की पब्लिक और विशेषज्ञ माथा पकड़ कर बैठ गए हैं। कहा जा रहा है कि भारत फ्रांस और अमेरिका से बड़ी डिफेंस डील करने वाला है। तकनीक में बहुत आगे बढ़ने वाला है। जिससे उसकी ताकत 10 गुणा बढ़ जाएगी।
पाकिस्तान को पूरा यकीन है कि फ्रांस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री जब लौटेंगे तो उनके पास वो तारीख होगी जब तक भारत की नौसेना को राफेल मरीन फाइटर जेट से लैस होना है। ये खतरनाक लड़ाकू विमान भारत के एयरक्रॉफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत में तैनात किए जाने हैं। राफेल मरीन के आईएनएस विक्रांत में तैनात होने का मतलब है कि पाकिस्तान के युद्धपोत डेंजर जोन में आ जाएंगे। इसके अलावा पाकिस्तान के समुंदर के पास मौजूद न्यूक्लियर प्लांट पर भी खतरा मंडराने लगेगा। यही सोच सोच कर पाकिस्तान के एक्सपर्ट भारत के प्रधानमंत्री की पिछली फ्रांस वीजिट को भी याद कर रहे हैं। फ्रांस के साथ भारत की जो बड़ी डिफेंस डील हो सकती है। उसमें राफेल के अलावा सबमरीन से जुड़े समझौते भी शामिल हैं। भारत और फ्रांस के बीच तीन स्कार्पियन क्लास पंडुब्बियों का सौदा होना है। फ्रांस के साथ ये सौदा 38 हजार करोड़ रुपए का होगा। जिसमें पानी के भीतर लंबे वक्त तक टिकने के लिए एयर इंडिपेंडेंट प्रब्लशन यानी एआईपी भी होगी।
होराइजन रोडमैप 2047 क्या है
पीएम मैक्रों के साथ भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए 2047 होराइजन रोडमैप की प्रगति की भी समीक्षा करेंगे। पीएम ने 2023 में अपनी फ्रांस यात्रा के दौरान मैक्रॉन के साथ एक रोडमैप अपनाया, जिसे 'होराइजन 2047' नाम दिया गया। इस रोडमैप ने अगले 25 वर्षों के लिए पाठ्यक्रम निर्धारित किया है, जो भारत की स्वतंत्रता और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 100 वर्ष पूरे होंगे। पीएम मोदी मार्सिले में कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव्स कमीशन द्वारा बनाए गए मजारगुएस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा करेंगे। वह मैक्रॉन के साथ प्रथम विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदान को श्रद्धांजलि देंगे। जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने वाला कहा जा सकता है, दोनों नेता मार्सिले में भारत के नवीनतम महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन करेंगे। भारत और फ्रांस रक्षा और सुरक्षा, नागरिक परमाणु मामले, अंतरिक्ष और अन्य सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहयोग करते हैं। नई दिल्ली और पेरिस समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद-निरोध, जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ नवीकरणीय और सतत विकास के क्षेत्र में एक-दूसरे के रणनीतिक भागीदार भी हैं। फ्रांस की अपनी वर्तमान यात्रा में प्रधानमंत्री फ्रांस के साथ सहयोग को गति प्रदान करेंगे, क्योंकि वह मैक्रॉन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) एक्शन शिखर सम्मेलन के तीसरे संस्करण की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले, एआई पर शिखर सम्मेलन यूनाइटेड किंगडम (2023) और दक्षिण कोरिया (2024) में हो चुके हैं।