सेना संभल जाए नहीं तो... जेल में बैठे इमरान ने आर्मी चीफ मुनीर को लेटर लिख धमका दिया

Imran
@PTIofficial
अभिनय आकाश । Feb 10 2025 7:22PM

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उमर अयूब खान ने पार्टी और सरकार के बीच बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना से इनकार किया है। रविवार को मीडिया की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल से सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को खुला पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने सेना की राजनीति में दखल और असंवैधानिक कदमों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सेना से संविधान के दायरे में लौटने और राजनीति से दूरी बनाने को कहा है। खान, जो अडियाला जेल में एक साल से ज्यादा दिनों से बंद हैं, इसमें कहा कि सेना को संवैधानिक सीमाओं में लौटना चाहिए। इमरान ने जेल में दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया। कहा कि 20 दिन तक जेल में अकेले रखा गया। सूरज की रोशनी तक नहीं थी। आरोप लगाया कि उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी जेल में परेशान किया जा रहा है। खान ने कहा, कोर्ट के आदेशों के बावजूद उन्हें परिवार और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने नहीं दिया जा रहा। 

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जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता उमर अयूब खान ने पार्टी और सरकार के बीच बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना से इनकार किया है। रविवार को मीडिया की एक रिपोर्ट से यह जानकारी मिली। नेशनल असेंबली में पीटीआई के नेता अयूब ने शनिवार को एक चैनल से कहा कि वार्ता का अध्याय अब बंद हो चुका है। अयूब ने कहा कि राजनीतिक वार्ता केवल इच्छाओं पर आधारित नहीं है बल्कि इसके लिए दृढ़ प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है और सरकार ऐसा प्रदर्शित करने में विफल रही। गठबंधन सरकार के वार्ता के दृष्टिकोण की निंदा करते हुए वरिष्ठ पीटीआई नेता ने कहा कि उनकी पार्टी की समिति ने सद्भावना के साथ चर्चा शुरू की थी। 

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उन्होंने कहा कि हालांकि, दूसरे पक्ष ने न तो सद्भावना दिखाई और न ही इच्छाशक्ति, जिससे गतिरोध पैदा हुआ। अयूब की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पीटीआई और सरकार के बीच वार्ता ठप पड़ गई है, जो महीनों के बढ़े हुए राजनीतिक तनाव के बाद दिसंबर के अंत में शुरू हुई थी। पीटीआई ने नौ मई के दंगों और नवंबर 2024 के विरोध प्रदर्शनों की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए चौथे दौर की वार्ता में भाग लेने से इनकार कर दिया है।

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