ऑस्ट्रेलिया का विवादास्पद रिलीजियस डिस्क्रिमिनेशन बिल क्या है? इसे लाने की क्यों पड़ी जरूरत

By अभिनय आकाश | Nov 26, 2021

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने संसद के निचले सदन में "रिलीजियस डिस्क्रिमिनेशन बिल" पेश किया। कुछ वर्षों से इस पर काम चल रहा था। बिल अपने वर्तमान स्वरूप में तीसरा और अंतिम मसौदा है, जिसका उद्देश्य धार्मिक विश्वास या गतिविधियों के आधार पर भेदभाव को समाप्त करना है। रिलीजियस डिस्क्रिमिनेशन बिल और संबंधित कानून-जिसमें धार्मिक भेदभाव (परिणामी संशोधन) विधेयक 2021 और मानवाधिकार विधान संशोधन विधेयक 2021 शामिल हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि ऑस्ट्रेलियाई धार्मिक विश्वास या गतिविधि के आधार पर भेदभाव न हो। ऑस्ट्रेलिया में चुनाव से कुछ महीने पहले ही इस तरह के बिल को पेश करने के पीछे मॉरिसन सरकार द्वारा धार्मिक आधार पर वोटरों को साधने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है। 

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 क्या कहता है विधेयक

धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक का वादा पिछले संघीय चुनाव में किया गया था, लेकिन अब जबकि मॉरिसन सरकार का कार्यकाल समाप्त होने में कुछ ही महीने बाकी हैं तो सरकार संसद में अपना धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक लेकर आई है। कार्य, शिक्षा, परिसर तक पहुंच और सामान, सेवाओं और आवास के प्रावधान सहित अन्य क्षेत्रों में धार्मिक विश्वास या गतिविधि के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ किसी तरह का भेदभाव न हो इसके लिए इस तरह का बिल लाया गया है। 

क्यों हो रही आलोचना

बिल के कुछ आलोचक इसे कानून के एक टुकड़े के रूप में देखते हैं जो नफरत को वैध बना रहा है। जबकि कुछ अन्य सरकार पर सवाल उठा रहे हैं और सबूत मांग रहे हैं कि देश में लोगों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव किया जाता है। ट्विटर पर एक यूजर ने कहा कि अगर यह बिल वास्तव में धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में होता, तो इसे धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक कहा जाता.. लेकिन ऐसा नहीं है। यह धार्मिक भेदभाव विधेयक है क्योंकि यह सब विधेयक #ReligiousDiscriminationBill करने के लिए बनाया गया है।

 

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