By प्रिया मिश्रा | May 30, 2022
आमतौर पर हम सीने में दर्द या बेचैनी को हार्ट अटैक समझ लेते हैं। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं है कि सीने में दर्द या बेचैनी का कारण दिल का दौरा ही हो। कई बार व्यक्ति के मन में ऐसा फोबिया पैदा हो जाता है, जिसकी वजह से उसे ऐसे लक्षण महसूस होते हैं। मेडिकल भाषा में इस स्थिति को कार्डिओफोबिया कहते हैं। कार्डियो फोबिया होने के कई कारण हो सकते हैं। अगर घर में किसी की हार्ट अटैक के कारण मौत हुई हो, हाई कोलेस्ट्रॉल, बीपी या सांस संबंधित समस्याओं में भी यह समस्या हो सकती है। इन सभी स्थितियों में मरीज को अटैक आने की संभावना रहती है। ऐसे में कार्डियोफोबिया की स्थिति में मरीज के मन में डर बैठ जाता है, जो धीरे धीरे फोबिया में बदल जाता है। उसे ऐसा लता है कि इन कारणों से उसकी मौत हो जाएगी। आज के इस लेख में हम आपको कार्डियोफोबिया के लक्षण और इलाज के बारे में बताएंगे -
कार्डियोफोबिया के लक्षण
दिल की धड़कन का तेज होना
बहुत ज्यादा घबराहट होना
हाई बीपी
चक्कर आना
बेहोशी
सीने में दर्द
अचानक कंपकंपी छूटना या पसीना आना
कार्डियोफोबिया में क्या होता है
कार्डियोफोबिया के मरीज को ऐसा लगता है कि उसे सांस लेने में दिक्कत तो कभी वह सीने में भारीपन या दर्द होने की शिकायत करता है। कई बार वह हल्के सिरदर्द या उल्टी से इतना ज्यादा डर जाता है कि उसकी स्थिति और खराब होने लगती है। उसे बार बार लगता है कि उसकी जान चली जाएगी।
कार्डियोफोबिया का इलाज
अगर किसी व्यक्ति में कार्डियोफोबिया के लक्षण दिखाई दें तो सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं। कई मामलों में मरीज को काउंसलिंग के लिए साइकोलॉजिस्ट के पास भी ले जाना पड़ सकता है। नियमित योग मेडिटेशन से भी इस समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है।
- प्रिया मिश्रा