By Kusum | Dec 23, 2023
यूं तो दुनियाभर में कई खेल हैं जिनके दिवाने कई लोग हैं। हमने ओलंपिक का इकलौता व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीतकर इस खेल में अपना नाम कमाया है। 2008 ओलंपिक्स में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में गोल्ड जीतकर देश का मान बढ़ाया था। इसके बाद से शूटिंग को लेकर लोगों में क्रेज बढ़ गया है। लगन से प्रैक्टिस की जाए तो शूटिंग में आप साल-दो साल में काफी अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं।
हालांकि, ये खेल काफी महंगा खेल है। अगर आपके पास पैसे नहीं है और फिर भी आप इसमें जाना चाहें तो NCC या आर्मी ज्वाइन कर सकते हैं। इसका जीता जाता उदाहरण राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भी आर्मी में रहते हुए ट्रेनिंग हासिल की। देश में गगन नारंग, अंजलि भागवत, विजय कुमार जैसे चर्चित नाम भी इसमें शामिल रहे।
शूटिंग क्या है?
स्पोर्ट्स शूटिंग में फायरआर्म (बंदूक) का इस्तेमाल करके बुलेट को एक लक्ष्य पर निशाना लगाना होता है। ये स्थिर लक्ष्य या गतिशील लक्ष्य हो सकते हैं जिन्हें क्ले नाम से जाना जाता है।
ओलंपिक में कब शामिल हुआ शूटिंग?
शूटिंग आधुनिक ओलंपिक खेलों में एक स्थायी खेल रहा है। जिसे सिर्फ 1904 और 1928 के खेलों में शामिल नहीं किया गया था। 1896 के उद्घाटन में 5 इवेंट से लेकर आज 6 डिसिप्लीन में 15 इवेंट तक ये खेल फायरआर्म टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ तेजी से बढ़ा है।
शूटिंग के प्रकार और क्या हैं नियम?
इस्तेमाल की जानेवाली गन के आधार पर शूटिंग की तीन कैटेगरी होती हैं। पहला राइफल, पिस्टल और शॉटगन। राइफल में 3, पिस्टल 6 और शॉटगन में 3 इवेंट होते हैं।
राइफल इवेंट
पिस्टल के इवेंट
शॉटगन
2024 पेरिस ओलंपिक में भारत को आस
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को 10 मीटर एयर राइफल में सरबजोत सिंह से और 10 मीटर पुरुषों की एयर राइफल में अर्जुन बबूता और महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल में त्रिलोतमा सेन से मेडल की आस है।
वहीं मनु भाकर से महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल में जबकि अनीस भानवाला से पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में मेडल की उम्मीद है। महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन में श्रीयंका साडंगी से मेडल की आस है।