By अभिनय आकाश | Nov 14, 2025
एक पुरानी कहवात है तोल मोल के बोल, इसका अर्थ है कि बोलने से पहले यह सोचना चाहिए कि आप क्या कह रहे हैं और उसके क्या परिणाम हो सकते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आज की स्थिति पर यह कहावत फिट बैठती है। उनकी खुद की कही गई पुरानी बात आज उनके लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं क्योंकि ट्रंप अपने वादे से मुकर रहे हैं। कौन सी बात? एपस्टीन फाइल्स को पूरी तरह से रिलीज़ करने की बात। ट्रंप ने खुद 2024 का चुनाव इस वादे पर लड़ा कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो इन फाइल्स को खुलवा देंगे। 2025 में ट्रंप की ही सरकार ने फाइल्स का पहला हिस्सा रिलीज भी किया। लेकिन आरोप लगाए जाते हैं कि मई 2025 में जैसे ही ट्रंप को पता चला कि फाइल्स में उनका भी नाम है। तो उनका स्टैंड बदल गया। अब ट्रंप इन फाइल्स को रिलीज़ नहीं होने देना चाहते हैं। अब अमेरिका की हाउस ऑफ ओवरसाइड कमेटी के डेमोक्रेट्स ने तीन ईमेल्स रिलीज़ किए जो एस्टीन के स्टेट से मिले। इनमें ट्रंप का भी जिक्र है। यह कमेटी अमेरिका की संसद की एक टीम है जो देखती है कि सरकार अपना काम ठीक से कर रही है या नहीं? इसके बाद रिपब्लिकन पैनल ने भी ढेर सारे ईमेल्स निकाले जिनमें ट्रंप को लेकर कई तरह की बातें कही गई। क्या है इन ईमेल्स में के खिलाफ कोई क्रिमिनल चार्ज साबित नहीं हुआ है? ट्रंप इन फाइल्स को रिलीज़ क्यों नहीं होने देना चाहते? ट्रंप के इस बदले हुए स्टैंड से अमेरिका की राजनीति पर क्या असर होगा सभी मुद्दों का एमआरआई स्कैन करेंगे।
अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों की ओर से जारी संचार में इस बात का खुलासा किया गया है कि फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन ने 2011 में एक ईमेल में लिखा था कि डोनाल्ड ट्रंप ने एपस्टीन के घर पर यौन तस्करी की पीड़िता के साथ घंटों बिताए और वर्षों बाद एक अलग संदेश में कहा कि ट्रंप लड़कियों के बारे में जानते थे। हाउस ओवरसाइट कमेटी में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक किए गए ईमेल से एपस्टीन के साथ ट्रंप की दोस्ती के बारे में सवाल उठ रहे हैं तथा इस बात के भी प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या ट्रंप को एपस्टीन के कृत्यों की जानकारी दी। रिपब्लिकन पार्टी से ताल्लुक रखने वाले राष्ट्रपति ट्रंप ने हालांकि एपस्टीन के कथित अपराधों के बारे में कोई भी जानकारी होने से लगातार इनकार किया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने कहा, ये ईमेल इस बात को छोड़कर कुछ भी साबित नहीं करते कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ गलत नहीं किया। कैरोविन लेविट ने कहा कि यह मेल कुछ भी साबित नहीं करते सिवाय इसके कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ गलत नहीं किया। डॉनल्ड ट्रंप पहले कह चुके हैं कि उन्होंने एप्सीन की हरकतों के बारे में कुछ उनको जानकारी नहीं थी। लेकिन उनकी पुरानी बात उनके इस दावे को कमजोर करती है।
कौन था जेफरी एपस्टीन ?
जेफरी एपस्टीन अमेरिका का एक अरबपति फाइनैंसर था, जिस पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी का आरोप था। एपस्टीन की गिरफ्तारी 2019 में हुई थी और उसी साल उसने न्यूयॉर्क जेल में आत्महत्या कर ली थी। इस पूरे मामले में उसकी करीबी सहयोगी गिस्लेन मैक्सवेल को भी यौन तस्करी का दोषी ठहराया गया था। एपस्टीन के संपर्क में कई बड़े बिजनेस टायकून, राजनेता और हस्तियां रही थीं, जिनमें डॉनल्ड ट्रंप का नाम भी चर्चा में रहा। वहीं, एपस्टीन फाइल्स एक दस्तावेज-संग्रह है, जिसमें जेफरी एपस्टीन और उसके करीबियों से जुड़ी बहुत सारी छान-बीन की सामग्री, रेकॉर्ड और कोर्ट में पेश किए गए सबूत शामिल है।
क्या है एपस्टीन फाइल?
एपस्टीन फाइलें एक फाइनेंसर और यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से संबंधित दस्तावेजों, साक्ष्यों और अदालती रिकॉर्ड का संग्रह हैं। ये फाइलें लोगों के लिए दिलचस्पी का विषय रही हैं क्योंकि इनमें हाई-प्रोफाइल लोगों के नाम शामिल हैं और वे किसी न किसी तरह से एपस्टीन के अपराधों से कैसे जुड़े थे। इन फाइलों में उड़ान लॉग, संपर्क सूचियां, पीड़ितों के बयान, पत्राचार और संभवतः अज्ञात व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। एपस्टीन की फाइलों में कई लोकप्रिय लोगों का नाम है, जिनमें राजनेता, व्यवसायी और मशहूर हस्तियां शामिल हैं। फरवरी 2025 में दस्तावेजों का पहला बैच जारी किया गया, जिसमें बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों के नाम शामिल थे। हालांकि, फाइलों में नाम होना सीधे तौर पर दोषी होने से संबंधित नहीं है।गिस्लेन मैक्सवेल, एपस्टीन की साथी थी, जो बाल यौन शोषण करने वाले फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन द्वारा दुर्व्यवहार के लिए लड़कियों को तैयार करती थी और उनका यौन शोषण करती थी। वर्तमान में युवा लड़कियों और महिलाओं को निशाना बनाने और उनका दुरुपयोग करने में उसकी मदद करने के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रही है।