By अभिनय आकाश | Nov 20, 2025
कागजों पर भानु प्रताप सन ऑफ राकेश एंड सुमित्रा देवी पुलिस की गिरफ्त में है। नाम बिल्कुल नया है, इसलिए आप भी इससे अनजान होंगे। लेकिन काम ऐसे ऐसे हैं कि आप भी सुनकर दंग रह जाएंगे। पंजाबी गायक सिद्ध मूसेवाला और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या, अभिनेता सलमान खान के घर पर फायरिंग जैसे अपराधों का मास्टरमाइंड जिसके ऊपर विभिन्न थानों में 11 मामले दर्ज हैं। तो असल में यह कौन है? यह है जूनियर लॉरेंस बिश्नोई। नाम अनमोल बिश्नोई। पिछले साल नवंबर में अमेरिका में पकड़ाए अनमोल को भारत लाने में इतना वक्त क्यों लगा? कितना मुश्किल या आसान था यह? अनमोल बिश्नोई के गिरफ्त में आने के बाद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कौन से दरवाजे बंद हुए? क्या मुश्किलें खड़ी हुई? आज तमाम मामलों का एमआईआर स्कैन करेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि इस गिरफ्तारी के बाद भारत के अंदर कस्टडी को लेकर कौन सी लड़ाई शुरू हो सकती है।
पंजाब के मनसा में 29 मई 2022 में सिद्ध मूसेवाला का मर्डर, मुंबई में 14 अप्रैल 2024 को सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग और मुंबई में ही 12 अक्टूबर 2024 को एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की सनसीखेज हत्या में वॉन्टेड था अनमोल बिश्नोई! मुबई पुलिस ने इस पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) तक लगा रखा है, लेकिन अमेरिका से भारत डिपोर्ट होने पर बुधवार को इसकी गिरफ्तारी डाली भारत सरकार की नैशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने और पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड पर ले लिया। दरअसल एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई के क्राइम सिंडिकेट के खिलाफ अगस्त 2022 में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम एक्ट (यूएपीए) का मुकदमा दर्ज किया था। लॉरेंस को पंजाब के बठिंडा जेल से नवंबर 2022 को अरेस्ट कर इससे पूछताछ की गई। क्राइम सिंडिकेट कई गैंगस्टरों को भी जेल से रिमांड पर लाया गया। एनआईए ने व्यापक जांच के बाद अक्टूबर 2024 में 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल का जन्म पंजाब के फाजिल्का जिले के अबोहर में हुआ। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति में 2011 से हुई रार मे लॉरेस अरेस्ट हुआ तो वह गैंगवॉर का हिस्सा बन गया। अनमोल पर पहली बार 2015 में केस दर्ज हुआ था। इसे 2016 में पढ़ाई के लिए राजस्थान के जोधपुर भेज दिया गया, जहा पर इस पर मारपीट और आर्म्स एक्ट के तीन केस दर्ज हुए। ये 2016-2017 में कारोबारियो से रंगदारी मांगने लगे। लॉरेस के ऑर्डर पर गोल्डी और अनमोल ने काम संभाला। 2022 में वह फर्जी पासपोर्ट पर भाग गया था। अनमोल टेरर-गैंगस्टर सिंडिकेट में गिरफ्तार होने वाला 19वां आरोपी है। उसका भाई लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। एनआईए ने अनमोल के खिलाफ मार्च 2023 में चार्जशीट दाखिल की थी। एजेंसी के अनुसार, 2020-23 के बीच उसने गोल्डी और लॉरेंस बिश्नोई को कई आतंकी गतिविधियों को अजाई में अहम भूमिका निभाई थी। वह अमेरिका से आतंकी सिंडिकेट चला रहा था। उसने गिरोह के शूटरों और गुर्गों की पनाह और लॉजिस्टिक की व्यवस्थाएं की। दूसरे गैंगस्टरों की मदद से वह विदेशी जमीन से ही भारत में रंगदारी वसूलता था। कोर्ट के सवालों पर अनमोल ने आरोपों से इनकार कर दिया।
2 साल पहले कैलिफोर्निया के बेकर्सफील्ड में पंजाबी सिंगर करण औजला और शैरी मान के शो में अनमोल बिश्नोई स्टेज पर सेल्फी लेता नजर आया था। उसके बाद पंजाब पुलिस एक्टिव हुई। लॉरेंस का सिंडिकेट उत्तर भारत से शुरू हुआ था, जिसके तार कनाडा, दुबई और यूरोप तक जुड़ चुके हैं। पंजाब के फाजिल्का का लॉरेंस 2010-12 में चंडीगढ़ में छात्र राजनीति के दौरान अपराध से जुड़ा। यहीं गोल्डी बराड़ मिला। दोनों वसूली, सुपारी किलिंग, हथियार ड्रग तस्करी और मनी लॉन्डिंग का बड़ा सिंडिकेट खड़ा कर चुके हैं। गिरोह में करीब 700 शूटर हैं। देशभर में 84 से अधिक केस हैं। कनाडा में 2023 में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भी गिरोह पर है। कनाडा लरिंस गैंग को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है। अनमोल अहम कड़ी है। 2022 में फरार हुआ था। इसके लिए 2021 में भानु प्रताप नाम से फरीदाबाद के पते पर फर्जी पासपोर्ट बनवाया। जांच एजेंसियों के अनुसार वह भारत से नेपाल के रास्ते निकला। फिर दुबई और केन्या होते हुए अमेरिका पहुंचा। 6 दिसंबर 2022 को उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ। अमेरिकी अधिकारियों को उसके शरण आवेदन में जाली दस्तावेज मिले। नवंबर 2024 में उसे हिरासत में लिया गया। पिछले हफ्ते लुइसियाना कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उसे भारत डिपोर्ट किया गया।
जज ने कहा कि जांच एजेंसी ने कई ऐसे पहलुओं की ओर इशारा किया है, जिन्हें उजागर करने की जरूरत है। जांच एजेंसी साजिश में अनमोल की भूमिका, तरीके, आतंक की साजिश में इस्तेमाल पैसे का स्रोत पता करेगी। साथ ही, उन सोशल मीडिया अकाउंट्स का ब्योरा पता किया जाएगा, जिनके जरिये लॉरिस का गैंग अपनी आतंकी गतिविधियों की जिम्मेदारी लेता रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि हर 48 घंटे में सरकारी अस्पताल में लरिंस का मेडिकल करवाया जाएगा। साथ ही, उसे अदालत से हिरासत वाली जगह तक ले जाने का वीडियो भी तैयार किया जाएगा। विशेष लोक अभियोजक राहुल त्यागी ने कहा कि आरोपी को 29 नवंबर को फिर पेश किया जाएगा।
अनमोल के ऊपर भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग किस्म के केस दर्ज हैं। ऐसे में एक लड़ाई तमाम पुलिस और एजेंसियों के बीच हो सकती है कि अनमोल को कस्टडी में कौन लेगा। वैसे तो अभी ये बता पाना बहुत मुश्किल है कि एनआईए की कस्टडी समाप्त होने के बाद किस राज्य की पुलिस अनमोल बिश्नोई की कस्टडी लेगी। एक तरीके का कंपटीशन भी रहेगा अलग-अलग राज्यों की पुलिस में कि कौन अनमोल बिश्नोई की कस्टडी पहले लेता है। ये जरूर अहम है। ये एक बड़ी कामयाबी है कि अनमोल बिश्नोई जो देश के बाहर से ऑपरेट कर रहा था उससे डिपोर्टेशन कर भारत लाया गया है। भारत की सारी एजेंसियां बहुत प्रयास कर रही थी। जिसमें सीबीआई थी, एनआईए थी, मुंबई पुलिस ने भी डिटेल्स साझा किए थे। राजस्थान पुलिस ने पंजाब पुलिस ने डिटेल्स साझा किए थे।
खबरें यह भी है कि इस पूरे डेवलपमेंट के चलते लॉरेंस और गोल्डी बराल के बीच भी चीजें खराब हुई। जानकारी के मुताबिक लॉरेंस ने गोल्डी और रोहित से अनमोल की हर संभव मदद करने को कहा था। खासकर अमेरिका में हिरासत के बाद बनी स्थिति में आईसी डिपार्टमेंट ने अनमोल के पैर में जीपीएस वाला टैग पहना दिया था। ऐसे में उसकी गतिविधियों पर नजर थी। वो खुद कुछ नहीं कर पा रहा था। तब जिम्मेदारी गोल्डी और रोहित पर आ गई थी। लेकिन बेलबॉ़ड ढंग से नहीं भरे गए। कनाडा में मौजूद बाकी गुर्गे भी मदद नहीं कर पाए। अनमोल पर निगरानी की वजह से लॉरेंस बिश्नोई की विरोधी गैंग का प्रभाव भी बढ़ गया।