By अभिनय आकाश | Nov 26, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसी साल जून महीने में कनाडा में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान कहा था कि 2014 में रूस को जी-8 से निकालना बहुत बड़ी गलती थी। अगर इस समूह में रूस होता तो यूक्रेन में युद्ध नहीं होता। ट्रंप की कही इस बात पर रूस ने सहमति जताई थी। हालांकि ट्रंप की टिप्पणी के करीब छह महीने बाद रूस को समूह में वापस लाने पर सहमति बनती दिख रही है। यूक्रेन के साथ शांति समझौते के लिए जो ड्राफ्ट तैयार हुआ है। उसमें ये बात कही गई है। ड्राफ्ट में ये सुझाव दिया गया हैकि रूस के खिलाफ प्रतिबंध हटाकर उसे जी-7 में दोबारा शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। फिर ये समूह जी-8 बन जाएगा।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलदोमीर जेलस्की को 27 नवंबर का अल्टीमेटम दिया गया था कि आप इतने दिनों में बता दीजिए कि आप पीस प्लान पर सहमति जताते हैं कि नहीं हां या ना बता दीजिए। इस पीस प्लान प्रोसेस में क़तर और तुर्किय को मध्यस्थ बनाया गया था। यूरोपियन यूनियन को भी इसमें शामिल किया गया था। लेकिन सैन्य हस्तक्षेप जो है इनका सीमित रखा जाएगा। 28 सूत्री प्लान था इसमें यह बात थी कि सभी पक्षों के सहमत होने पर तुरंत युद्ध विराम शुरू होगा। फिर दोनों पक्ष तय बिंदुओं पर पीछे हटेंगे। इस समझौते की निगरानी अमेरिका रूस यूक्रेन मिलकर करेंगे। समझौते के 5 बरस बाद समीक्षा होगी जिसमें क्षेत्रीय विवादों का समाधान निकालने पर चर्चा की जाएगी।
यूरोप के प्रमुख देशों (जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन) ने संयुक्त बयान में ट्रम्प प्रशासन के शांति प्रयासों का स्वागत तो किया, लेकिन कई बिंदुओं को 'अस्वीकार्य' करार दिया। उनकी मुख्य आपत्तियां युक्रेन की सेना को छोटा करने का दबाव, कब्जाए क्षेत्रों का स्थायी नुकसान और नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया रोकना। पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टस्क ने तीखा सवाल उठाते हुए कहा, 'काम शुरू करने से पहले यह जानना जरूरी है कि यह प्रस्ताव लिखा किसने है।' यूरोपीय देशों को आशंका है कि इससे उनकी सुरक्षा कमजोर होगी।
ट्रम्प का पीस प्लान लागू होने पर रूस को यूक्रेन का लगभग 20% क्षेत्र स्थायी रूप से मिल सकता है। इसमें डोनबास, लुहान्स्क, डोनेत्स्क, क्रीमिया, जापोरिज्जिया व खेरसॉन के हिस्से शामिल होंगे। यह इलाका यूक्रेन के लिए सिर्फ जमीन नहीं, बल्कि उसकी औद्योगिक शक्ति, कृषि उपज, खनिज संपदा और काला सागर तक रणनीतिक पहुंच का केंद्र है।
आरोप भी लगे कि पीस प्लान प्रो रशिया था जो 28 सूत्रीय प्लान था उसे प्रो रशिया प्लान बताया गया। बाद में इसे 19 पॉइंट प्लान कर दिया गया। यानी कि यह जो पीस प्लान था इसे 28 से सीधा 19 कर दिया गया। फिलहाल अमेरिका के पीस प्लान पर यूक्रेन ने सहमति जता दी है। लेकिन यह भी कहा है कि अभी भी बात होना बाकी है और रूस ने तो चेतावनी भी दे दी है कि टर्म्स एंड कंडीशन से अगर पीछे हटे तो हम भी पीछे हट जाएंगे।
ट्रंप ने एक तरफ कह दिया है कि बहुत करीब है इस वॉर को खत्म करने में। लेकिन यूरोप अभी भी थोड़ा नाराज है। थोड़ा परेशान है और वो कभी भी पीस डील को स्कटल कर सकता है। इमैनुअल मैक ने चेतावनी भी दे दी है कि देखो जो रशियन विलिंगनेस हमें तो नहीं दिख रही। बाकी तुम्हें जो कहना है कह लो। ट्रंप ने कह दिया है कि उनका जो रिवाइज्ड प्लान है, वो फाइन ट्यूंड है। मोस्ट लाइकली विद ईयू एंड यूक्रेनियन इनपुट है इसमें। अब उन्होंने खुद कहा कि कुछ पॉइंट्स ऑफ डिसए्रीमेंट भी हैं। लेकिन रशियन फॉरेन मिनिस्टर ने साफ-साफ कह दिया है कि देखिए जो इंटरिम वर्जन है जो ट्रंप कह रहे हैं नया वर्जन आया है। बोले हमारे पास कोई वर्जन नया नहीं आया। हम 28 पॉइंट ऑफ प्लान ही जानते हैं। जिस प्रकार से ट्रंप ने डील किया है यूक्रेन को यूरोप को ही साइडलाइन करके। तो इस वजह से यदि ज्यादा दिन ये नाराजगी चली तो कहीं ना कहीं ट्रंप यदि यूनिलैटरली चले गए तो ये जो ट्रांस अटलांटिक अलायंस है यूरोप और यूएस की उसमें भी दरार आ सकती है।