Rajasthan में जल संकट पर Vasundhara Raje ने जताया गुस्सा तो नींद से जागी राज्य सरकार, CM Bhajan Lal Sharma और अधिकारी तुरंत एक्शन में आये

By नीरज कुमार दुबे | Apr 11, 2025

राजस्थान में कुछ इलाकों में गहराते जल संकट का समाधान निकालने के प्रति अधिकारियों की सुस्ती को देखकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में जो नाराजगी व्यक्त की थी उसने भजन लाल शर्मा सरकार की नींद तोड़ दी है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अब कह रहे हैं कि अगर गर्मी के मौसम में जनता को पानी के लिए परेशान होना पड़ा, तो जिम्मेदार अधिकारियों की खैर नहीं होगी। हम आपको बता दें कि हाल ही में राजस्थान भाजपा की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा झालावाड़ जिले में पेयजल संकट को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई गयी थी जिसको लेकर राज्य की राजनीति गर्मा गयी है। विपक्षी कांग्रेस ने भजन लाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को घेरने के लिए वसंधुरा के बयान का सहारा लिया है। वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है।


हम आपको बता दें कि वसुंधरा राजे ने एक्स पर कहा, "क्या लोगों को प्यास नहीं लगती? केवल अधिकारियों को ही प्यास लगती है? गर्मियों में पेयजल संकट से लोग परेशान हैं, जबकि अधिकारी संतुष्ट हैं। पानी लोगों तक पहुंचना चाहिए, न कि केवल कागजों पर। अधिकारी सो रहे हैं, जबकि लोग रो रहे हैं।" मैं ऐसा नहीं होने दूँगी। उन्होंने एक फोटो पोस्ट कर कहा कि रायपुर क़स्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए। वसुंधरा ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिये हैं। पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे। इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल हैं। यह तो अप्रैल का हाल है। जून-जुलाई में क्या होगा? उन्होंने आगे लिखा कि अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए। झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा। 


मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बुलाई बैठक


वसुंधरा राजे की ओर से की गयी आलोचना के बाद भजन लाल शर्मा सरकार जागी और मुख्यमंत्री ने तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी के बाद पेयजल की मांग और उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के लिए जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि गर्मी में जनता को अगर पानी के लिए परेशान होना पड़ा, तो जिम्मेदार अधिकारियों की खैर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ी है, ऐसे में आमजन को बढ़ी हुई मांग के अनुसार पर्याप्त पेयजल मुहैया करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी आकस्मिक योजना के अनुसार पेयजल प्रबंधन स्वयं की देखरेख में सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की किसी तरह की किल्लत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम छोर के उपभोक्ताओं को भी पेयजल की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पीएचईडी के फील्ड अधिकारी एवं कर्मचारी मुख्यालय पर उपस्थित रहें तथा बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें।


मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गर्मी को देखते हुए नए ‘हैण्डपम्प’, नलकूप लगाने, पुराने ‘हैण्डपम्प’, नलकूपों की मरम्मत, पाइपलाइनों को दुरस्त करने समेत पेयजल आपूर्ति सुदृढ़ीकरण के सभी कार्य के 15 मई से पहले हर हाल में पूरे किए जाएं। उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारियों को एक-एक करोड़ रुपए का ‘अनटाइड फंड’ उपलब्ध करवाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 मई से पहले गत वर्ष बजट में स्वीकृत सभी ‘हैंडपम्प’ और नलकूपों को चालू कर दिया जाए तथा इस बजट में स्वीकृत किए गए 1000 नए नलकूप और 2500 नए ‘हैण्डपम्प’ की वित्तीय स्वीकृति भी जल्द जारी कर कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। बैठक में बताया गया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए अप्रैल माह में दो लाख 35 हजार से अधिक ‘हैण्डपम्प’ की मरम्मत की गई है।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में गर्मी के दौरान पेयजल आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 142 करोड़ रुपए के 1244 कार्य और शहरी क्षेत्रों में 68 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत कर जरूरत के अनुसार नलकूपों की गहराई बढ़ाने, पाइप लाइन डालने और बदलने तथा ‘पम्पसेट’ आदि की मरम्मत के काम करवाए जा रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अभी तक भी प्रारम्भ नहीं हुए हैं, वे 10 दिन के भीतर शुरू कर आगामी 15 मई से पहले पूरे कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक गर्मी के शिखर पर रहने के दौरान टैंकरों से पेयजल की मांग पूरी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 82 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 25 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी कर दी गई है।

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