By अभिनय आकाश | Jun 04, 2025
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने कहा कि राष्ट्रीय जाति जनगणना और जाति गणना की प्रक्रिया 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होने की संभावना है। मोदी सरकार जाति जनगणना को दो चरणों में कराने की योजना बना रही है। लगभग 94 वर्षों के बाद पूरे देश में जाति जनगणना होगी। राष्ट्रीय जनगणना दो चरणों में की जाएगी। उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे पहले। सूत्रों ने बताया कि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
दो चरणों में होगी जाति जनगणना
जाति जनगणना दो चरणों में की जाएगी। जाति जनगणना की शुरुआत चार पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से 1 अक्टूबर, 2026 से होगी। अन्य राज्यों में यह प्रक्रिया 1 मार्च, 2027 से शुरू होगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि जातियों की गणना के साथ-साथ जनसंख्या जनगणना-2027 को दो चरणों में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। जनसंख्या जनगणना-2027 के लिए संदर्भ तिथि मार्च, 2027 के पहले दिन 00:00 बजे होगी। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के गैर-समकालिक बर्फीले क्षेत्रों के लिए संदर्भ तिथि अक्टूबर, 2026 के पहले दिन 00.00 बजे होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 30 अप्रैल, 2025 को राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने इस फैसले को मंजूरी दी थी। सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि जनगणना का काम पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
कोविड के कारण रह गया था काम
मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत की जनगणना जनगणना अधिनियम, 1948 और जनगणना नियम, 1990 के प्रावधानों के तहत की जाती है। भारत की पिछली जनगणना 2011 में दो चरणों में की गई थी, अर्थात् i) चरण I - हाउस लिस्टिंग (एचएलओ) (1 अप्रैल से 30 सितंबर 2010) और (ii) चरण II - जनसंख्या गणना (पीई) (09 फरवरी से 28 फरवरी 2011) संदर्भ तिथि - मार्च 2011 के पहले दिन 00:00 बजे, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके गैर-समकालिक क्षेत्रों को छोड़कर, जिसके लिए यह 11 से 30 सितंबर 2010 के दौरान संदर्भ तिथि के साथ अक्टूबर 2010 के पहले दिन 00.00 बजे आयोजित किया गया था। जनगणना 2021 को भी इसी तरह दो चरणों में आयोजित करने का प्रस्ताव था, पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2020 के दौरान और दूसरा चरण फरवरी 2021 में आयोजित किया जाना था। 2021 में आयोजित की जाने वाली जनगणना के पहले चरण की सभी तैयारियां पूरी हो गई थीं और 1 अप्रैल, 2020 से कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में क्षेत्रीय कार्य शुरू होने वाला था। हालांकि, देश भर में COVID-19 महामारी के प्रकोप के कारण जनगणना का काम स्थगित कर दिया गया था।