By अनन्या मिश्रा | Nov 10, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हैं। बिहार की सीटों में एक अहम सीट झाझा विधानसभा सीट भी है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। बता दें कि झाझा को बिहार का 'मिनी शिमला' भी कहा जाता है। यह सीट बिहार के जमुई जिले के तहत आती है। इसको मिनी शिमला इसलिए भी कहा जाता है, क्योंकि यह झारखंड की सीमा के पास में स्थित है। जोकि एक पहाड़ी एरिया है। बिहार की झाझा विधानसभा क्षेत्र में 11 नवंबर को मतदान होना है।
बता दें कि झाझा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और जन सुराज पार्टी के उम्मीदवारों के बीच मुख्य मुकाबला है। इस बार जेडीयू ने इस सीट से अपने पुराने विजेता और उम्मीदवार दामोदर रावत पर भरोसा जताया है। तो वहीं आरजेडी ने इस सीट से जय प्रकाश यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। साथ ही जन सुराज ने इस सीट से नीलेंदु दत्त मिश्रा को टिकट दिया है। पिछले दो चुनावों पर नजर डालें, तो इस सीट पर एक बार जेडीयू और एक बार भाजपा ने जीत हासिल की है।
हालांकि पिछले साल के लोकसभा चुनाव के रूझान यह संकेत जरूर देते हैं कि राष्ट्रीय जनता दल के लिए यहां जीत हासिल करना इतना आसान नहीं होगा। वहीं अन्य दलों के लिए भी यह एक मौका है कि वह जेडीयू से सीट छीनकर अपनी स्थिति को मजबूत करें। इस बार का चुनाव इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां पर जन सुराज पार्टी जैसी कई नई राजनीतिक पार्टियां अपनी किस्मत आजमा रही हैं। ऐसे में यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि इस बार मतदाता किस पार्टी को कितना समर्थन देते हैं।
झाझा विधानसभा सीट साल 1951 में बनी थी। तब से लेकर अब तक हुए चुनावों में यहां से 7 बार कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की। इसके बाद जेडीयू और उसकी पूर्ववर्ती समता पार्टी ने 5 बार जीत हासिल की। वहीं सपा और संयुक्त समाजवादी पार्टी ने 3-3 बार जीत दर्ज की। इसके साथ ही जनता दल, जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को यहां से 1-1 बार जीत मिली है। हालांकि इस बार झाझा सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 3.38 लाख मतदाता हैं।