By एकता | Nov 18, 2025
डेटिंग की दुनिया तेजी से बदल रही है और शहरी में रहने वाले सिंगल्स के लिए अब रिश्ते का मतलब महज कैजुअल फ्लिंग से कहीं ज्यादा है। डेटिंग प्लेटफॉर्म आइल नेटवर्क की हालिया रिपोर्ट, 'द कमिटमेंट डिकेड', इस बदलाव पर रोशनी डालती है, जिसमें बताया गया है कि 2025 में भारतीय युवा गंभीर और स्थायी रिलेशनशिप्स की तरफ झुक रहे हैं।
इस रिपोर्ट में बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों के 3,400 से अधिक सिंगल्स का गहराई से विश्लेषण किया गया है। यह सिर्फ कैजुअल डेटिंग से ऊब चुके सिंगल्स की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन नए जेंडर डायनामिक्स और प्राथमिकताओं को भी उजागर करती है जो प्यार, पार्टनरशिप और यहां तक कि पहली डेट पर बिल पे करने के तरीके को भी प्रभावित कर रही हैं।
'द कमिटमेंट डिकेड' नाम की इस रिपोर्ट के लिए 3,400 शहरी सिंगल्स का सर्वे किया गया। इनमें ज्यादातर हेट्रोसेक्सुअल लोग थे, जिनमें 74% मिलेनियल्स और 25% जेन Z शामिल थे। इस सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि 2025 में ये लोग प्यार, पार्टनरशिप और अपनी रोमांटिक जिंदगी के बारे में क्या सोच रहे हैं। सर्वे का ज्यादातर डेटा बेंगलुरु (19.1%), दिल्ली (16%), और मुंबई (17.4%) जैसे बड़े शहरों से लिया गया था।
सर्वे में एक दिलचस्प बात सामने आई: पहली डेट पर बिल देने का पुराना रिवाज अब बदल रहा है। 42.8% लोगों का मानना है कि बिल को बराबर बांटना चाहिए। 40.1% अभी भी सोचते हैं कि बिल आदमी को पे करना चाहिए।
आइल के मुताबिक, 53% भारतीय महिलाएं अब पहली डेट पर बिल बांटना पसंद करती हैं। वे इसे अपनी आजादी, बराबरी और किसी के एहसान के बोझ से बचने के तौर पर देखती हैं। 42% भारतीय पुरुष अभी भी मानते हैं कि उन्हें पे करना चाहिए। पुरुष ऐसा आदत से, दिलचस्पी दिखाने के लिए, अपनी दरियादिली या खुद को देखभाल करने वाला दिखाने के लिए करते हैं।
डेटिंग ऐप के डेटा से पता चला है कि लोग अब हल्के-फुल्के रिश्तों से थक चुके हैं। लगभग 10 में से 9 शहरी भारतीय अब कैजुअल फ़्लर्ट या छोटी-मोटी मुलाकातों की बजाय गहरे और स्थायी रिश्तों को ज्यादा अहमियत देते हैं। सर्वे में शामिल 2 में से 1 व्यक्ति एक गंभीर रिश्ता चाहता है। 3 में से 1 मिलेनियल ने कहा कि वे एक साल के अंदर शादी करने के लिए तैयार हैं।
रिपोर्ट यह भी बताती है कि अब लोगों के लिए जज्बाती समझदारी और मानसिक सेहत, बाहरी खूबसूरती या पैसों से ज्यादा मायने रखती है। सिंगल्स अब सिर्फ दिखावे या बड़ी-बड़ी कामयाबियों के बजाय एक-दूसरे को समझने, बेहतर बातचीत और विचारों के मेल को ज्यादा महत्व देते हैं।