तमिल विकल्प उपलब्ध हैं तो योजनाओं के लिए हिंदी नाम क्यों? विधानसभा में DMK विधायक ने उठाया सवाल

By अभिनय आकाश | Mar 25, 2025

भाषा विवाद के बीच द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायक एझिलन नागनाथन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह केंद्रीय योजनाओं के नाम हिंदी में रखकर गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर हिंदी थोप रही है। तमिलनाडु विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने हिंदी नामों वाली केंद्र सरकार की योजनाओं की सूची पढ़ी और तर्क दिया कि यह गैर-हिंदी भाषी राज्यों को हिंदी भाषा से परिचित कराने का प्रयास है। सर्व शिक्षा अभियान, जल जीवन, वंदे भारत, भारतीय न्याय संहिता, पीएम श्री, पीएम किसान, आरोग्य मंदिर, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ और दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना जैसी अन्य योजनाओं को सूचीबद्ध करते हुए, उन्होंने तमिल समकक्ष मौजूद होने पर हिंदी नामों का उपयोग करने की आवश्यकता पर सवाल उठाया। 

इसे भी पढ़ें: DMK सांसदों के साथ PM Modi से मिलेंगे MK Stalin! परिसीमन को लेकर कर सकते हैं ये मांग

उन्होंने पूछा कि जब हमारे पास 'अनाईवरुक्कुम कालवी थिट्टम' है तो हमें 'सर्व शिक्षा अभियान' का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए? उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों को ये नाम अपनाने के लिए मजबूर कर रही है और जब तक योजनाओं को उनके हिंदी नामों के साथ लागू नहीं किया जाता है, तब तक केंद्र द्वारा धन रोके जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमारे 'रु' के इस्तेमाल पर रुद्रथंडवम (हिंसक नृत्य) किया, लेकिन अपनी योजनाओं के हिंदी नाम हम पर थोप दिए हैं।" डीएमके ने लगातार केंद्र द्वारा हिंदी को बढ़ावा दिए जाने का विरोध किया है, उनका तर्क है कि इससे देश की भाषाई विविधता कमज़ोर होती है। हाल ही में, तमिलनाडु ने 14 मार्च को पेश किए गए राज्य बजट 2025-2026 के लोगो में रुपये के प्रतीक को बदल दिया।

प्रमुख खबरें

Vishwakhabram: Modi Putin ने मिलकर बनाई नई रणनीति, पूरी दुनिया पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव, Trump समेत कई नेताओं की उड़ी नींद

Home Loan, Car Loan, Personal Loan, Business Loan होंगे सस्ते, RBI ने देशवासियों को दी बड़ी सौगात

सोनिया गांधी पर मतदाता सूची मामले में नई याचिका, 9 दिसंबर को सुनवाई

कब से सामान्य होगी इंडिगो की उड़ानें? CEO का आया बयान, कल भी हो सकती है परेशानी