यरुशलम में यलगार, अल अक्सा पर प्रहार, रमजान के महीने में क्यों बढ़ जाता है इजरायल-फिलिस्तीन का विवाद?

By अभिनय आकाश | Apr 06, 2023

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच सबसे विवादित शहर येरुशेलम की अल अक्सा मस्जिद जंग का मैदान बनती नजर आई। रमजान के महीने में अल अक्सा मस्जिद में फिलिस्तीनी अरब समुदाय के लोग नमाज और तराबी पढ़ने को गए थे। जिन्हें बाहर निकालने के लिए इजरायल की पुलिस ने छापा मारा तो हिंसक झड़प शुरू हो गई। बीते दिनों शुरू हुई ये झड़प बदस्तूरजारी है और इसकी तपिश अब पूरे अरब देशों में फैल रही है। हमास की ओर से इजरायल पर रॉकेटों का समूही हमला देखने को मिला। इजरायल का दावा है कि हमास के चरमपंथियों ने चार-पांच अप्रैल की दरमियानी रात को दर्जनों रॉकेट दागे जिसे इजरायल के डिफेंस सिस्टम आइरन ड्रोम ने नाकाम कर दिया। 

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यरूशलम की अल-अक्सा मस्जिद पटाखों, गोली बारी और चीखपुकार से दहल गई । मस्जिद में इस्राइल की पुलिस घुस गई और फलस्तीनियों और इस्राइली पुलिस के बीच संघर्ष की खबरें हैं। पुलिस का दावा है कि पटाखे, डंडे और पत्थरों से लैस होकर फलस्तीनी प्रदर्शनकारियों ने खुद को मस्जिद के भीतर बंद कर लिया था। फलस्तीनियों का कहना है कि इस्राइली पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग में 14 लोग घायल हो गए। विडियो में दिखाई दे रहा है कि पुलिस कुछ लोगों के हाथ बांध कर परिसर से बाहर ले जा रही है। पुलिस ने ग्रेनेड और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। इस दौरान गजा पट्टी से हमास ने इस्राइल की ओर नौ रॉकेट दागे। 5 को हवा में नष्ट कर दिया गया जबकि 4 को जमींदोज कर दिया गया। 

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हिंसा की ये घटनाएं ऐसे समय में हुई हैं जब रमजान चल रहा है। वहीं, यहूदी हफ्ते भर चलने वाले पासोवर त्योहार की तैयारियों में लगे हैं। इन घटनाओं से दोनों पक्षों के बीच टकराव के और तेज होने की आशंका पैदा हो गई है। दो साल पहले भी इस्राइल और हमास के बीच इसी तरह की झड़पें हुई थीं और उसके बाद 11 दिनों तक संघर्ष चला था। पुलिस ने श्रद्धालुओं को बाहर निकालने के लिए रात में कार्रवाई शुरु की। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि वह परिसर में यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रमजान में घमासान, मस्जिद में कोहराम 

रमजान के महीने में अक्सर ये विवाद बढ़ जाता है क्योंकि जिस अल अक्सा मस्जिद में ये भिड़ंत हुई है, उसी मस्जिद परिसर का एक हिस्सा यहूदियों का भी पवित्र स्थल है। मुसमान इस मस्जिद को मक्‍का और मदीना के बाद इस्‍लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह है। यह जगह यहूदियों के लिए भी काफी पवित्र है। इस जगह पर इजरायल और फलस्‍तीन के दावे ने इसे संघर्ष की एक जगह में तब्‍दील करके रख दिया है।  


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