By अभिनय आकाश | Dec 24, 2021
देश में लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाकर 18 से 21 साल कर दी गई है, लेकिन इसको लेकर एक बड़ी बहस भी शुरू हो गई है। दरअसल, लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने को लेकर केंद्रीय कैबिनेट ने प्रस्ताव पार कर दिया है। इसके बाद लोकसभा में बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। विपक्ष के विरोध के बाद बिल संसद की स्थायी समिति को भेज दिया गया है। सरकार के इस फैसले पर सभी तबकों में अलग-अलग राय है। जहां एक तबका सरकार के इस फैसले पर अपनी समहमति जताई है तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल किए जाने पर सरकार के इस फैसले को गलत बता रहे हैं।
खाप पंचायत ने जताई आपत्ति
23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंति के मौके पर हरियाणा के जींद में एक महांपचायत का आह्वान किया गया। जींद में एकत्रित हुए कई खाप नेताओं ने कहा कि केंद्र को प्रस्तावित 21 के बजाय 18 साल उम्प में माता-पिता को अपनी बेटियों की शादी करने की अनुमति देना जारी रखना चाहिए। खाप पंचायत में फैसला लिया गया कि शादी की उम्र बढ़ाने से खाप को दिक्कत नहीं है। लेकिन परिजनों को 18 साल की उम्र में भी अपनी बेटी की शादी करने का अधिकार मिलना चाहिए।
सरकार को ड्राफ्ट भेजेंगे
शादी की उम्र बढ़ाने से खापों को एतराज नहीं है, लेकिन 18 साल की उम्र में भी परिजनों को लड़की की शादी का अधिकार मिलना चाहिए। इसको लेकर खापें केंद्र और राज्य सरकार को ड्राफ्ट भेजेंगी। महापंचायत के दौरान खाप मैरिज एक्ट के नाम से तीन प्रस्ताव भी पारित किए गए। लगभग 100 खाप के प्रतिनिधियों ने पंचायत में भाग लिया था।
गौरतलब है कि विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 भी क्रमशः महिलाओं और पुरुषों के लिए विवाह के लिए सहमति की न्यूनतम आयु के रूप में 18 और 21 वर्ष निर्धारित करते हैं। लेकिन अब भारत सरकार लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने की तैयारी में है।