By अभिनय आकाश | Jun 17, 2025
इजरायल और ईरान के बीच की जंग में अमेरिका की वजह से अब ये एक निर्णायक मोड़ पर आ गई है। इजरायल की एयरस्ट्राइक के दहशत से तेहरान के नागरिक भी देश छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे में ईरान भले ही कह दे कि मैं बातचीत को तैयार हूं, उसके बाद भी जंग नहीं रुकेगी क्योंकि जंग का पहला मकसद ईरान के अंदर न्यूक्लियर कैपेब्लिटी को समाप्त करना। ऐसा तभी हो सकता है जबतक की ईरान के न्यूक्लियर षड़यंत्र और लैब्स को नष्ट किया जाए या फिर यहां के सारे तंत्रों को वहां से निकाला जाए। इजरायल और ईरान के बीच की जंग को देखकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस समय भड़के हुए हैं। ट्रंप इतना भड़क चुके हैं कि वो जी7 सम्मेलन को छोड़कर वापस अमेरिका आने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुद बताया कि वो जी7 सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर वापस लौट रहे हैं।
व्हाइट हाउस की तरफ से भी एक बयान में कहा गया था कि जी7 समिट को बीच में छोड़कर ट्रंप वापस अमेरिका लौट रहे हैं क्योंकि मीडिल ईस्ट में हालात तनावपूर्ण हैं। जंग ईरान और इजरायल के बीच छिड़ी है। लेकिन अमेरिका पूरे मीडिल ईस्ट की जंग बताकर दुनिया का ध्यान इस पर केंद्रित कर रहा है। अटकलें लगाई जा रही है कि अब अमेरिका की भी एंट्री इजरायल-ईरान वॉर में होने वाली है। कई जगह खबरें ये भी हैं कि अमेरिकी सेना इस वक्त मीडिल ईस्ट की तरफ बढ़ रही है और मीडिल ईस्ट को लेकर अमेरिका इस समय कोई ठोस कदम उठाने वाला है।
दुनिया भर के नेता पूरे विश्व में अनेक क्षेत्रों में जारी तनाव को कम करने में मदद के विशिष्ट लक्ष्य के साथ जी-7 में एकत्र हुए, लेकिन ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर टकराव के कारण यह बाधित हो गया है। इजराइल ने चार दिन पहले ईरान के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। शिखर सम्मेलन में ट्रंप ने चेतावनी दी कि इससे पहले कि बहुत देर हो जाए ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम पर लगाम लगानी चाहिए। ट्रंप ने कहा कि ईरानी नेता ‘‘बातचीत करना चाहते होंगे’’ लेकिन उनके पास अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर सहमति बनाने के लिए 60 दिन थे और फिर भी इजराइली हवाई हमले शुरू होने से पहले वे ऐसा करने में विफल रहे।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें समझौता करना होगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस संघर्ष में सैन्य रूप से शामिल होगा ट्रंप ने कहा कि मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता। अब तक इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम स्थलों को निशाना बनाया है लेकिन वह ईरान के फोर्डो यूरेनियम संवर्धन संयंत्र को नष्ट नहीं कर सका है। यह स्थल जमीन के अंदर काफी गहराई में है और इसे नष्ट करने के लिए इजराइल को 30,000 पाउंड (14,000 किलोग्राम) के ‘जीबीयू-57 मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ की आवश्यकता होगी। इजराइल के पास इस स्तर के बमवर्षक नहीं हैं।
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