लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA? आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले नियमों को अधिसूचित कर सकती है सरकार

By अभिनय आकाश | Feb 27, 2024

केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले किसी भी समय नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियमों को अधिसूचित कर सकती है। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 2019 में लागू हुआ सीएए इस संबंध में नियम जारी कर इस साल लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। अमित शाह ने कहा था कि सीएए के खिलाफ हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए थे। यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। 

इसे भी पढ़ें: 'CAA से क्यों डर रहे मुसलमान, ये उनके लिए नहीं', अजमेर दरगाह के दीवान ने कहा- अदालतों से बाहर हो काशी-मथुरा का समाधान

11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा अधिनियमित सीएए, पूरे भारत में गहन बहस और व्यापक विरोध का विषय रहा है। सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता के लिए फास्ट-ट्रैक मार्ग प्रदान करने के लिए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करता है और जो भारत में या उससे पहले प्रवेश कर चुके हैं। 31 दिसंबर 2014, अपने घरेलू देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के कारण।

इसे भी पढ़ें: रद्द होते आधार कार्ड पर सरकार ने क्या कहा? ममता ने क्यों बताया NRC लाने से पहले वाला कदम

दिल्ली के शाहीन बाग में धरना और असम के गुवाहाटी में विरोध सभाएं हुईं। कोविड-प्रेरित प्रतिबंधों और लॉकडाउन के दौरान सभी विरोध प्रदर्शन विफल हो गए। संसद में पारित होने के चार साल बाद भी सीएए लागू नहीं किया गया क्योंकि नियमों और प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाना था।


प्रमुख खबरें

टीम इंडिया में बड़ा फेरबदल: गिल बाहर, टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले चयनकर्ताओं का चौंकाने वाला फैसला

भारत का 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य मुश्किल, वैश्विक मंदी बनी बड़ी चुनौती

Odisha में माओवादी शीर्ष नेता गणेश उइके ढेर, गृह मंत्री अमित शाह बोले - नक्सल मुक्त भारत की ओर बड़ा कदम

17 साल बाद लौटे तारिक रहमान, बांग्लादेश की राजनीति में लोकतंत्र की रक्षा का नया दांव