Bihar: क्या फिर NDA में वापसी करेंगे नीतीश कुमार, भाजपा को लेकर फिर क्यों दिखने लगा नरम रुख?

By अंकित सिंह | Mar 06, 2023

बिहार की राजनीतिक हलचल लगातार बनी रहती है। 7 दलों के महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे नीतीश कुमार को लेकर चर्चाएं होती ही रहती है। पिछले साल अगस्त में नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने का फैसला लिया था। हालांकि, उसके बाद से ऐसे कई मौके आए जब जदयू और राजद में मतभेद की खबरें भी सामने आई। कुछ मुद्दे पर जदयू ने राजद से दूरी भी बना ली। हालांकि कई बार ऐसा भी देखा जब दोनों दल एक साथ हो नीतीश कुमार विपक्षी एकता की वकालत भी करते दिखे। लेकिन अब नीतीश कुमार के पार्टी जदयू ने एक ऐसा स्टैंड लिया है जिसके बाद से एक बार फिर इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार फिर से एनडीए में वापसी करेंगे?

 

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दरअसल, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इस पत्र में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, के चंद्रशेखर राव सहित कई क्षेत्रीय नेता शामिल थे। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस से दूरी बना रखी है। हालांकि, नीतीश कुमार के अलावा डीएमके और कांग्रेस ने भी इस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। लेकिन महागठबंधन में शामिल राजद उस चिट्ठी में मौजूद था। ऐसे में आखिर नीतीश कुमार ने राजद से अलग स्टैंड क्यों लिया, इसको लेकर कयासों का दौर फिर से शुरू हो गया है। दूसरी ओर भाजपा को लेकर नीतीश कुमार का नरम रुख साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। यही बात है कि उनके एनडीए में वापसी के संकेत भी दिखने लगे हैं

 

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ऐसे कई मौके आए हैं जब नीतीश कुमार और भाजपा के बड़े नेताओं के बीच बातचीत हुई है। बिहार के नए राज्यपाल की नियुक्ति को लेकर अमित शाह ने नीतीश कुमार को फोन किया था। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि अमित शाह ने नीतीश कुमार को उनके जन्मदिन पर भी फोन किया था। इसके अलावा राजनाथ सिंह ने भी नीतीश कुमार को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी थी। शहीद के पिता के साथ मारपीट और जेल को लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर रही। तेजस्वी यादव बिहार पुलिस का समर्थन करते दिखे तो वहीं नीतीश कुमार का स्टैंड काफी अलग रहा। उन्होंने जांच के आदेश भी दे दिए। तमिलनाडु मुद्दे को लेकर जहां तेजस्वी यादव बीजेपी नेताओं पर हमलावर रहे तो वहीं नीतीश कुमार ने भाजपा नेताओं से मुलाकात की और एक कमेटी को वहां भेजने पर राजी भी हो गए। साथ ही साथ नीतीश कुमार तारकिशोर प्रसाद के घर भी पहुंचे और उनके पिता के श्राद्ध कर्म में शामिल हुए।

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