कृषि कानूनों पर पूर्व कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है। पवार ने कहा कि कृषि कानूनों को पूरी तरह खारिज करने की बजाए इसके उस हिस्सों में संशोधन किया जाना चाहिए जिसपर किसानों को आपत्ति है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार अगर केंद्र सरकार के कानून को 100 प्रतिशत स्वीकार किए बिना उसमें कुछ सुधार करके लाएगी तो अच्छा होगा। इससे पहले शरद पवार कृषि कानूनों को लेकर कई बार केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोल चुके हैं। पवार ने इससे पहले ये कहा था कि केंद्र सरकार को किसान आंदोलन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। ऐसे में माना ये जा रहा है कि कृषि कानूनों पर शरद पवार के रूख अब नरम पर रहे हैं।
कृषि मंत्री ने पवार के बयान का किया स्वागत
कृषि मंत्री और बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बयान का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार का बयान देखा। पवार ने कहा है कि पूरा कानून बदलने की जरूरत नहीं है। जहां आपत्ति है सिर्फ उसमें बदलाव हो। कृषि मंत्री ने कहा कि मेरी भी यही राय है। इसी मंशा के साथ किसान यूनियन से 11 बार बात की है। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री के इस बयान से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शरद पवार कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार का साथ दे रहे हैं। गौरतलब है कि हजारों की संख्या में किसान, नवंबर 2020 से केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान, इन कानूनों को लेकर काफी मुखर हैं।