World No Tobacco Day 2025: हर साल 31 मई को मनाया जाता है वर्ल्ड नो टोबैको डे, जानिए इतिहास और महत्व

By अनन्या मिश्रा | May 31, 2025

तंबाकू एक ऐसी चीज है, जिसको इंसान अपने हाथों से खरीदकर, फूंक-फूंककर या चबा-चबाकर खाया जाता है। बीड़ी, गुटखा, सिगरेट, जर्दा, पान मसाला जैसे रूपों में बिकने वाली तंबाकू न सिर्फ व्यक्ति के शरीर को खोखला कर देती है, बल्कि यह एक हंसते-खेलते परिवार को भी तबाह कर देती है। ऐसे में लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाने लगा। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम के बारे में...


इतिहास

विश्व तंबाकू निषेध दिवस के इतिहास की बात करें, तो साल 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार इस दिन को मनाए जाने की पहल की थी। उस दौरान विश्व तंबाकू निषेध दिवस बनाए जाने का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर तंबाकू से होने वाले नुकसानों के प्रति लोगों को जागरुक किया जाए। साथ ही तंबाकू के सेवन से लोगों को रोका जाए। बता दें कि 07 अप्रैल 1988 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया था। हालांकि समय के साथ यह तय हुआ कि हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा। 


थीम

हर साल वर्ल्ड नो टोबैको डे के मौके पर एक खास थीम रखी जाती है। इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'Bright products. Dark intentions. Unmasking the Appeal,' रखी गई है।


उद्देश्य

इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य सरकार को तंबाकू नियंत्रण नीति बनाने के लिए प्रेरित करना है।


लोगों को तंबाकू की लत छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।


तंबाकू की लत से युवाओं को बचाने के लिए समाज संवाद करना है।

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