By अंकित सिंह | May 08, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन को आज संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि हमारी सशस्त्र बलों ने, कल जो कार्रवाई की है, जो शौर्य और पराक्रम दिखाया है, उसके लिए उन्हें बधाई देता हूँ। पाकिस्तान और पीओके में, जिस तरह से हमारी सशस्त्र बलों ने आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद किया है, वह हम सबके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को जिस सटीकता से अंजाम दिया गया, वह अकल्पनीय है, बहुत प्रशंसनीय है। इसमें नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया और बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया गया। यह ऑपरेशन बिना किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाए और न्यूनतम संपार्श्विक क्षति के साथ किया गया।
राजनाथ ने कहा कि 2014 में माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में, हमारी सरकार आने के बाद, प्रधानमंत्री जी ने हमें एक अत्यंत महत्वपूर्ण सूत्र प्रदान किया। उन्होंने शुरुआत में ही, रक्षा उत्पादन क्षेत्र का सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया। उन्होंने जो सूत्र दिया, उसके पीछे की दर्शन थी, रक्षा संप्रभुता की। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने रक्षा उत्पादन में गुणवत्ता और मात्रा, दोनों पर समान रूप से बल दिया है। इसी दिशा में कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कदमों का उल्लेख, मैं यहाँ करना चाहूंगा। आयुध कारखानों का निगमीकरण, उनमें से एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कदम रहा है, जिसे हमने ensure किया, ताकि कम समय में ही रक्षा उत्पादन में व्यापक सुधार हो सके।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत किए गए मिसाइल हमलों में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री ने बैठक में शामिल नेताओं को यह भी बताया कि यह एक जारी अभियान है और अगर भारत के लक्षित हमले के मद्देनजर पाकिस्तान कोई सैन्य कदम उठाता है तो भारत मुंहतोड़ जवाब देगा। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह ने यह सूचित किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई कार्रवाई में कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए हैं।
बैठक में शामिल सभी दलों के नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सरकार का समर्थन किया और सशस्त्र बलों के प्रति एकजुटता प्रकट की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने यह मांग उठाई कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए, जिससे अच्छा संदेश जाएगा। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि इस मुद्दे पर व्यापक राजनीतिक सहमति बनाने के लिए यह बैठक बुलाई गई थी और नेताओं ने परिपक्वता दिखाई तथा किसी तरह की बहस नहीं हुई।