By Prabhasakshi News Desk | Feb 21, 2025
हर साल 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है। सामाजिक न्याय दिवस का यह दिन सामाजिक अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने और जाति, असमानता, धार्मिक भेदभाव, लिंग आदि से संबंधित बाधाओं को दूर करने के लिए मनाया जाता है। यह दुनिया भर में हो रहे सामाजिक अन्याय पर प्रकाश डालता है और इसके समाधान और सुधारों पर विचार करता है। आज के इस दौर में हम इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते कि सामाजिक अन्याय राष्ट्रों के भीतर और उनके बीच शांतिपूर्ण और समृद्ध सह-अस्तित्व के लिए एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इस दौर में सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखना आवश्यक है।
विश्व सामाजिक न्याय दिवस का क्या है इतिहास ?
यह दिवस एक वैश्विक उत्सव है और इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता। विश्व शिखर सम्मेलन 1995 में सामाजिक विकास के लिए कोपेनहेगन, डेनमार्क में आयोजित किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप कोपेनहेगन घोषणा और कार्य योजना बनी। इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेताओं ने गरीबी और पूर्ण रोजगार के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया, साथ ही वे स्थिर, सुरक्षित समाज के लिए काम करेंगे। यह भी तय किया गया कि विकास योजनाओं के केंद्र में लोगों को रखने की आवश्यकता है।
26 नवंबर 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 फरवरी को वार्षिक विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में घोषित किया। 2009 में विश्व सामाजिक न्याय दिवस पहली बार मनाया गया था। विश्व शिखर सम्मेलन के अनुसार, सामाजिक विकास का उद्देश्य देशों के भीतर और उनके बीच सामाजिक न्याय, एकजुटता, सद्भाव और समानता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सामाजिक न्याय, समानता और समता सभी समाजों के मूल मूल्य हैं। सरकार को राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने के लिए सभी के लिए एक समाज प्राप्त करने के लिए एक ढांचा बनाना चाहिए।
जानिए इस दिन महत्व
समाज में लगातार बढ़ रहे अन्याय के इस आधुनिक समय में दौरान विश्व सामाजिक न्याय दिवस का महत्व और बढ़ गया है। समाज में यह जागरूकता फैलाने की जरूरत है कि सभी एक हैं और किसी में भी कोई भेदभाव नहीं देखना चाहिए। भारत सरकार भी कई योजनाएं चला रही हैं। इसके अंतर्गत लोगों को समान अधिकार देने की कोशिश की जा रही है। साथ ही समाज में व्याप्त असमानता को जड़ से समाप्त करना है। इससे समस्त समाज का एकसाथ विकास होगा।
प्रभावी कदम उठाने में सफल रही भारत सरकार
भारत सरकार ने भी इस दिशा में कई प्रभावी कदम उठाया है। भारतीय संविधान बनाने के दौरान देश में सामाजिक न्याय का प्रमुखता से ध्यान रखा गया था। वहीं, हमारे संविधान में सामाजिक दूरी को खत्म करने के लिए भी कई प्रावधान मौजूद हैं। बता दें कि भारत सरकार भी संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर इन सामाजिक मुद्दों को खत्म करने की ओर प्रभावी कदम उठा रही है।