मायावती की केंद्र सरकार से मांग, बोलीं- योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर के मठ में बैठा दें

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 01, 2020

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर कड़ा हमला करते हुए केंद्र सरकार से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करने या राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। राज्य सरकार ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मायावती के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश में एक हजार से ज्यादा दलितों की हत्या हुई थी और आज वह सरकार पर उंगली उठा रही हैं। मायावती ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था और महिलाओं के प्रति अपराधों की बाढ़ के मद्देनजर जो हालात बन गए हैं, उनमें केंद्र सरकार को प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की जगह किसी काबिल व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए और अगर ऐसा संभव ना हो तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। 

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उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर में कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद दो युवतियों की मौत का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिला रही हैं। मायावती ने कहा कि मैं योगी आदित्यनाथ से कहना चाहती हूं कि आपने एक महिला के पेट से जन्म लिया है और आपको दूसरों की बहन बेटियों को भी अपनी बहन बेटी समझना चाहिए और अगर आप उनकी हिफाजत नहीं कर पा रहे हैं तो आपको खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहन बेटियों पर लगातार हो रहे अत्याचार के बावजूद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नहीं जाग रही है, लिहाजा उन्होंने सोचा कि इस बारे में केंद्र सरकार को जगाया जाए।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मेरा सरकार से कहना है कि बेहतर होगा अगर योगी आदित्यनाथ को उनकी असली जगह, यानी गोरखपुर के मठ में बैठा दें। और अगर उन्हें गोरखपुर का मठ भी अच्छा नहीं लग रहा है तो उन्हें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम सौंप दें। योगी के स्थान पर किसी ऐसे काबिल आदमी को मुख्यमंत्री बनाएं जो देश प्रदेश की जनता को अच्छी कानून व्यवस्था दे सके। उन्होंने कहा कि भाजपा हाईकमान अगर यह नहीं कर सकता है तो मेरा यही कहना है कि उत्तर प्रदेश की आबादी पर थोड़ा रहम करें और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा कर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाएं। यह मेरी मांग भी है। 

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इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने मायावती पर पलटवार करते हुए कहा कि मायावती जीश् आप अनुसूचित-जाति, अनुसूचित जाति के लोगों की नेता बनती हैं। मगर आप यह भूल गयीं कि आपके कार्यकाल में एक हजार दलितों का खून हुआ था और आज आप हमें लेक्चर दे रही हैं। उन्होंने कहा आप हम पर एक उंगली उठाएंगी तो आप पर दो उठेंगी। यह आपका राजनीतिक सफर है। यही दृष्टिकोण और यही सिद्धांत है।

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