By संतोष उत्सुक | Feb 01, 2025
यह हमारी वार्षिक सामाजिक परम्परा है। जब चोर, असामाजिक तत्व और नशेड़ी चोरी करने का वार्षिक टारगेट पूरा करने में पूरी तरह व्यस्त हों तो हमेशा सोई हुई आम जनता को, कुछ दिनों के लिए चौक्कना करने के लिए सुरक्षा विभाग वार्षिक बैठक करे। उन्हें सजग रहने और अपनी सुरक्षा करने के लिए ज़रूरी एहतियात बरतने की सलाह दे।
अभी कल ही सालाना बैठक का आयोजन हुआ। सुरक्षा अधीक्षक ने जो कहा उसे छोडिए जो वे वास्तव में कहना चाहते थे वह कुछ ऐसा है। हमारे विभाग का अधिकांश समय मंत्रियों, राजनेताओं, असामाजिक तत्वों की सुरक्षा में बीतता है। चोरी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए कोशिश करते हैं लेकिन इसमें आम लोगों का सहयोग भी ज़रूरी है। उन्होंने सलाह दी कि अपने घरों में सीसीटीवी ज़रूर लगवाएं। जांचते रहें कि वे चल रहे हैं। इस सम्बन्ध में हमारे एक जानकार ने सीसीटीवी बेचने का काम शुरू किया है। आप चाहें तो उनसे भी खरीद सकते हैं और आसान किश्तों में भुगतान कर सकते हैं। हम उन्हें बेहतर तरीके से गाइड कर सकते हैं कि सीसीटीवी कहां कहां लगाएं।
आप सोच रहे होंगे कि जिनके घर से लाकर उपलब्ध करवा सकने वाली बैंक शाखा दूर हो तो वह क्या करें। कभी अचानक जाना पड़ जाए और नज़र रख रहा चोर उसी दिन हाथ मारने की कोशिश करे तो । इस सम्बन्ध में बेहद व्यावहारिक सुझाव है, असली माल बैंक लाकर में ही रखें। सोना महंगा होता जा रहा है। रिश्तेदारों के पास रखकर जाएंगे तो ईर्ष्या, द्वेष और उनके यहां पारिवारिक क्लेश शुरू हो सकता है। आजकल बहुत सुन्दर नकली गहने मिलते हैं घर पर वही पहनें, चोर आएगा तो पछताएगा।
पड़ोसियों को कभी कभार चाय, नमकीन, बिस्कुट खाने बुलाते रहिए ताकि उनसे सम्बन्ध बने रहें। वे आपकी गैर मौजूदगी में घर पर नज़र रखने का आश्वासन ज़रूर देंगे बाक़ी किस्मत और वक़्त तो अच्छा आपका होना चाहिए। इसके बदले वे भी आपको अपने घर बुलाएंगे, खुले दिल के हुए तो खाना भी खिला सकते हैं। आप भी उन्हें उनकी गैर मौजूदगी में ध्यान रखने का आश्वासन दे सकते हैं। चोरी चाहे न हो लेकिन अस्त व्यस्त ज़िंदगी में आपसी सम्बन्ध तो बने रहेंगे। ज़्यादा समय के लिए जाएं तो उनका कोई सदस्य सो भी सकता है, जो आपको विश्वास की कमी के ज़माने में, किसी रिश्तेदार को सोने के लिए कहने से बेहतर लगेगा। ऐसे में नया चौकीदार रखना जोखिम भरा हो सकता है। कहीं वो ही न मिलजुल कर चोरों से काम करवा दे। आजकल कोई किसी से डरता नहीं है।
सुरक्षा अधीक्षक ने पूरी तरह स्पष्ट कर दिया कि आम लोगों की सुरक्षा, लोगों के अपने हाथों में हैं। बैठक में बुलाने के बावजूद कम लोग ही आए, हालांकि गर्म समोसे और चाय का अच्छा प्रबंध किया गया था।
- संतोष उत्सुक