By नीरज कुमार दुबे | Aug 21, 2019
देश में जब भी कोई चुनाव आता है तो नेता जनता का दिल जीतने के लिए मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरजाघरों में जाते हैं और धार्मिक परम्पराओं को पूरी निष्ठा से निभाते हैं। हाल ही में संपन्न आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान भी ऐसा हुआ। लगभग हर पार्टी के उम्मीदवार धार्मिक स्थलों पर गये और जीत का आशीर्वाद मांगा। वाईएसआर प्रमुख वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने भी ऐसा किया था और हर वर्ग के लोगों को लुभाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी जिसका परिणाम हुआ कि राज्य के लोगों ने उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी सौंप दी। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद जगनमोहन रेड्डी का आचरण देखिये। वोट के लिए मंदिरों में हाथ जोड़ने से उन्हें कोई गुरेज नहीं था लेकिन जब एक कार्यक्रम में उन्हें दीप प्रज्ज्वलन के लिए आमंत्रित किया गया तो उन्होंने ऐसा करने से इंकार कर दिया।
जगनमोहन रेड्डी और उनके दिवंगत पिता पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह चूँकि खुद ईसाई हैं इसलिए धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देते हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद जगनमोहन ने जब अपने अंकल वाईवी सुब्बा रेड्डी को देश के सबसे अमीर हिंदू मंदिर तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर का कार्यभार देखने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का चेयरमैन बनाया था तब भी आरोप लगे थे कि एक हिंदू मंदिर में उन्होंने ईसाई को चेयरमैन बना दिया है। हालांकि वाईवी सुब्बा रेड्डी ने अपनी सफाई में कहा था कि वह जन्म से ही हिंदू हैं।
अब जगन से जुड़ा जो मामला सामने आया है उसका वीडियो भाजपा के वरिष्ठ नेता सुनील देवधर और भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई ने ट्वीटर पर शेयर किया है। टीवी9 की यह एक्सक्लूसिव फुटेज देखते ही लोगों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयीं और यह मामला गर्मा गया है।