By अभिनय आकाश | Mar 15, 2023
पाकिस्तान में तोशाखाना से जुड़ा विवाद एक बार फिर से गर्म हो गया है। तोशाखाना गिफ्ट से जुड़े दस्तावेज को जारी किया गया है। इससे पता चलता है कि केवल इमरान ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के बाकी नेताओं ने भी सत्ता का ठीक-ठाक दुरुपयोग किया है। इन्होंने तोशाखान से गिफ्ट मनमर्जी कीमतों पर निकलवा लिए। गिफ्ट के बदले बहुत थोड़ी कीमत दी। इतना ही नहीं कई बार तो गिफ्ट बिना पैसे दिए ही ले गए। लाहौर हाईकोर्ट ने 2002 से अब तक तोशाखाना गिफ्त के रिकॉर्ड को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने रिकॉर्ड को जनता के सामने रखा।
मुशर्रफ से लेकर इमरान तक
कैबिनेट डिवीजन की वेबसाइट पर 2002 से 2023 तक के तोशखाना का 466 पेज का रिकॉर्ड जारी किया गया। इसके अनुसार, परवेज मुशर्रफ, शौकत अजीज, यूसुफ रजा गिलानी, नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी और इमरान खान ने शासक के रूप में सैकड़ों उपहार ले लिए। सरकार द्वारा तोशाखाना से लिए गए उपहारों का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने के बाद हर तरफ इस मुद्दे की चर्चा हो रही है।
केवल 9 किताबें छोड़ी
नवाज शरीफ से लेकर इमरान खान तक, सभी पूर्व शासकों ने तोशखाने में केवल एक चीज छोड़ी और वह है 9 उपहार पुस्तकें। कोई भी शासक घर जाते समय इन पुस्तकों को नहीं ले गया और बाद में इन पुस्तकों को पुस्तकालय में भेज दिया गया। यह बौद्धिक और नैतिक पतन और भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है कि तोशखाना में हार, घड़ी और अन्य कोई उपहार नहीं मिला। यह इस देश के लगभग सभी शासकों का असली चेहरा है और आत्मरक्षा के लिए कानून का सहारा लिया गया है। सभ्य दुनिया में लोगों को टैक्स लेने के बदले सुविधाएं और विशेषाधिकार दिए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में पहली बात तो यह है कि अमीर लोग टैक्स नहीं देते। कर गरीब लोगों और छोटे व्यापारियों की जेब से वसूल किया जाता है और लोगों पर वापस खर्च करने के बजाय, कर शाही अधिकारियों की विलासिता पर खर्च किया जाता है।
मुफ्त गिफ्ट की चार्ट में शौकत अजीज टॉप पर
शौकत अजीज मुफ्त उपहारों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर है। उन्होंने और उनकी पत्नी ने 700 से अधिक उपहार रखे, जिनकी कीमत कम से कम 2.7 मिलियन रुपये आंकी गई। पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और उनकी पत्नी ने 77 से ज्यादा तोहफे मुफ्त में रखे थे जिनकी कीमत करीब 899,660 रुपए आंकी गई थी। दिलचस्प बात यह है कि जब मुशर्रफ शीर्ष पर थे, तो कई निचले स्तर के सरकारी कर्मचारियों ने अत्यधिक उच्च मूल्य टैग वाली घड़ियाँ मुफ्त में रखीं।