भारत और घाना के बीच हुई सहमति, अब दोनों देश कर सकेंगे यूपीआई ट्रांसफर

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दोनों भुगतान प्रणालियों के आपस में जुड़ने से तत्काल, कम लागत वाले मनी ट्रांसफर करने की सुविधा में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि दोनों ही देश डिजिटल रूपांतरण पर समझौता ज्ञापन की संभावनाओं, स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (एएफसीएफटीए) से मिलने वाले अवसरों पर भी चर्चा की है।

भारत और घाना के बीच भुगतान प्रणालियों को लेकर अहम समझौता हुआ है। दोनों देश अब आपस में आर्थिक लेनदेन को मजबूत कर सकेंगे। भारत और घाना ने भुगतान प्रणालियों को आपस में जोड़ने का फैसला किया है। इसके तहत अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और घाना इंटरबैंक पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स (जीएचआईपीएसएस) को जोड़ा जाएगा। दोनों ही देश इस दिशा में तेजी के साथ काम कर रहे है।

दोनों भुगतान प्रणालियों के आपस में जुड़ने से तत्काल, कम लागत वाले मनी ट्रांसफर करने की सुविधा में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि दोनों ही देश डिजिटल रूपांतरण पर समझौता ज्ञापन की संभावनाओं, स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौते (एएफसीएफटीए) से मिलने वाले अवसरों पर भी चर्चा की है। 

वाणिज्य विभाग ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा , वे छह महीने के भीतर घाना के जीएचआईपीएसएस पर एनपीसीआई (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) के यूपीआई के संचालन की दिशा में तेजी से काम करने के लिए सहमत हुए हैं। भारत का यूपीआई पहले ही सिंगापुर और यूएई जैसे देशों तक पहुंच चुका है। इसके लिए नाइजीरिया के साथ भी बातचीत चल रही है।

बता दें कि एनपीसीआई इंटरनेशनल ने हाल ही में अफ्रीकी राष्ट्र में यूपीआई जैसे भुगतान प्रणाली को स्थापित करने के लिए सहायता देने के उद्देश्य से बैंक ऑफ नामीबिया के साथ समझौता भी किया है। भारत और घाना के बीच द्वीपक्षीय व्यापार 2021-22 में 2.6 बिलियन डॉलर से बढ़ कर अब 2022-23 में 2.87 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।

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