रितिका जिंदल कैसे बनी यंगेस्ट आईएएस ऑफिसर, जानें यूपीएससी स्ट्रेटजी

Ritika Jindal
Josh Talks
Josh Talks । Apr 24 2024 5:02PM

रितिका बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होनहार थी। इसलिए उन्होंने ठान लिया था कि वह आगे चलकर प्रशासनिक अधिकारी बनेगी। इसके लिए उन्हें जितनी मेहनत करनी पड़े, उसके लिए वह पीछे नहीं हटेगी। इसलिए उन्होंने कॉमर्स को चुना और आगे की पढ़ाई शुरू की।

यूपीएससी विश्व की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। वहीं इसे क्रैक करने के लिए अस्पिरेंट्स को खूब मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर वे एक सफल प्रशासनिक अधिकारी बनते हैं। वहीं रितिका जिंदल यंगेस्ट आईएएस अधिकारी की सूची में शामिल हैं। मगर यहां पहुंचना रितिका के लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने कड़ी मेहनत की, तब जाकर वे सफलता पाई हैं।

रितिका जिंदल पंजाब के मोगा जिले की रहने वाली हैं। रितिका जहां से ताल्लुक रखती हैं, वहां के लोगों की मानसिकता महिलाओं को अधिक पढ़ाने के पक्ष में नहीं है। मगर रितिका इस चीज में बेहद भाग्यशाली हैं। उन्हें ऐसे माता-पिता मिले जिन्होंने रितिका को बचपन से ही पढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह हमेशा से क्लास में टॉप करती थी। इतना ही नहीं, 12वीं बोर्ड के एग्जाम में भी वह 98.6% मार्क्स से स्टेट टॉपर रही हैं। इसलिए आज हम इस आर्टिकल में आपके लिए रितिका जिंदल की कहानी लेकर आए हैं जिससे आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।

बचपन से ही सिविल सर्विसेज में जाने का था सपना

रितिका बचपन से ही पढ़ाई में बेहद होनहार थी। इसलिए उन्होंने ठान लिया था कि वह आगे चलकर प्रशासनिक अधिकारी बनेगी। इसके लिए उन्हें जितनी मेहनत करनी पड़े, उसके लिए वह पीछे नहीं हटेगी। इसलिए उन्होंने कॉमर्स को चुना और आगे की पढ़ाई शुरू की। 12वीं में रितिका ने टॉप किया। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर सम्मानित किया। इसके बाद रितिका ने श्री राम कॉमर्स कॉलेज, दिल्ली में दाखिला किया। यहां आकर रितिका दिल्ली की चकाचौंध भरी खूबसूरती में नहीं भटकी और अपने लक्ष्य पर फोकस किया।

फर्स्ट इयर से यूपीएससी की तैयारी शुरू 

रितिका का कहना है कि अगर आप अपने लक्ष्य को लेकर पूरी तरह से अडिग हैं तो शुरुआती दिनों से ही तैयारी शुरू कर दें। आप जितनी जल्दी तैयारी शुरू करेंगे, उतनी ही जल्दी अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेंगे। इसके लिए आपको बिल्कुल भी नहीं घबराना है। रितिका भी अपनी तैयारी फर्स्ट ईयर से ही शुरू कर दी थी। जब रितिका सेकंड ईयर में पहुंची, तो वे कोचिंग शुरू की। एक साल कोचिंग करने के बाद रितिका पूरी तरह से टेस्ट सीरीज और आंसर राइटिंग पर अपना फोकस कर रही थी। इससे उनकी ग्रेजुएशन के साथ-साथ, रितिका की सिविल सर्विसेज की तैयारी भी पूरी हो गई।

पहले अटेम्प्ट में पिता को हुआ ओरल कैंसर

ग्रेजुएशन के बाद जब रितिका अपने पहले अटेम्प्ट 2018 की तैयारी में थीं, तब उनके पिता को ओरल कैंसर हो गया। इससे रितिका को बहुत बड़ा झटका लगा। इतना ही नहीं, इससे रितिका की पढ़ाई पर भी बहुत गहरा असर पड़ा। वहीं, वह अपने पहले अटेम्प्ट में असफल रही। यह रितिका के जीवन की पहली असफलता थी।

हार नहीं मानना है: रितिका 

पहले अटेम्प्ट के बाद रितिका बिलकुल भी घबराई नहीं। वहीं, वह अपने दूसरे अटेम्प्ट की तैयारी में लग गई। रितिका इस बात से वाकिफ थी कि अगर वह अब घबराती है, तो उनके दूसरे अटेम्प्ट पर बहुत गहरा असर पड़ेगा। इसलिए रितिका अपने दूसरे अटेम्प्ट की तैयारी में लग जाती है। सिविल सर्विसेज के दूसरे अटेम्प्ट के दौरान जब वह इंटरव्यू तक पहुंची, तो उनके पिता को फिर से कैंसर हो गया। इस बात का असर फिर से रितिका पर पड़ा, मगर वह बिलकुल भी नहीं घबराई और अच्छे से अपना इंटरव्यू दिया। वहीं, रितिका ने अपने दूसरे अटेम्प्ट में सफलता प्राप्त की।

ट्रेनिंग के दौरान हुई माता-पिता दोनों की मौत 

2019 में रितिका ने यूपीएससी क्रैक करके सफलता प्राप्त कर ली और आईएएस बन गई। जब यह रिजल्ट आया, तब रितिका के पिता कैंसर की लड़ाई लड़ रहे थे। जब रितिका ट्रेनिंग में चली गई, तो उनके माता-पिता दोनों की मौत कैंसर से हो गई। मगर वह हिम्मत नहीं हारी और अपने पिता के सपने को पूरा करती रही।

हर स्टेज की अपनी एक रिक्वायरमेंट है 

रितिका अपने अनुभव से बताती हैं कि हर स्टेज की अपनी-अपनी रिक्वायरमेंट होती है जिसे आपको पूरा करना होता है। अगर आप प्रीलिम्स की तैयारी कर रहे हैं तो उसमें आपको ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन्स को हल करना होगा। वहीं, मेन्स की तैयारी के लिए आंसर राइटिंग करें। इससे आपका यह राउंड पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, इंटरव्यू राउंड पूर्ण रूप से पर्सनालिटी टेस्ट होता है। इसलिए इसमें खुद को तैयार करें।

टेक्निकल सब्जेक्ट ऑप्शनल लें 

अगर आपने टेक्निकल पढ़ाई की है, तो अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट वही चुनें। इससे आप सिविल सर्विसेज की परीक्षा में बहुत अच्छा परफ़ॉर्म कर सकते हैं। सिविल सर्विसेज में टेक्निकल सब्जेक्ट की अहमियत अधिक होती है। इसलिए, टेक्निकल पर फोकस करें और वहीं ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनें। इससे आप बेहतर स्कोर कर सकते हैं। रितिका जिंदल की कहानी आपके लिए यकीनन प्रेरणादायक होगी। अगर आप यही पूरी कहानी खुद रितिका से सुनना चाहते हैं, तो जोश टॉक्स के यूट्यूब चैनल पर विजिट करें।

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