कई मौकों पर हम प्रथम मददगार रहे हैं, मालदीव के विदेश मंत्री को जयशंकर ने चुन-चुनकर गिनाए भारत के एहसान
भारतीय पक्ष ने पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यभार संभालने के बाद से चीन या उसके राजनयिक बदलाव का उल्लेख नहीं किया। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे नई दिल्ली ने अपनी पड़ोसी पहले नीति को बनाए रखा और जब भी जरूरत पड़ी द्वीपसमूह राष्ट्र की मदद करने के लिए उपस्थित रहने की नीति पर कायम है।
भारत और मालदीव के विदेश मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट के बाद पहली बार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मुलाकात की। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने मालदीव दौरे पर आए समकक्ष मूसा ज़मीर का स्वागत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के बीच संबंध आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर निर्भर हैं। हालांकि भारतीय पक्ष ने पिछले साल सितंबर में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यभार संभालने के बाद से चीन या उसके राजनयिक बदलाव का उल्लेख नहीं किया। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे नई दिल्ली ने अपनी पड़ोसी पहले नीति को बनाए रखा और जब भी जरूरत पड़ी द्वीपसमूह राष्ट्र की मदद करने के लिए उपस्थित रहने की नीति पर कायम है।
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करीबी और निकटतम पड़ोसियों के रूप में हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। जहां तक भारत का सवाल है, ये हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और सागर दृष्टिकोण के संदर्भ में व्यक्त किए गए हैं। जयशंकर ने कहा, मुझे उम्मीद है कि आज की हमारी बैठक हमें विभिन्न क्षेत्रों में हमारे दृष्टिकोणों के अभिसरण को मजबूत करने में सक्षम बनाएगी। जयशंकर ने कहा कि हमने पहले भी अनुकूल शर्तों पर वित्तीय सहायता दी है। भारत कई मौकों पर मालदीव के लिए प्रथम मददगार रहा है। जयशंकर ने कहा कि हमारे सहयोग ने साझा गतिविधियों, उपकरणों, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के जरिए आपके देश की सुरक्षा और भलाई को भी बढ़ाया है।
Welcomed FM @MoosaZameer of Maldives this afternoon.
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) May 9, 2024
My remarks at our talks: pic.twitter.com/T8t64bQxLT
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