By अनुराग गुप्ता | Jun 26, 2021
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने आपातकाल की 46वीं बरसी के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं की ओर से दिए गए बयानों को लेकर पलटवार किया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि आपातकाल के खिलाफ इन लोगों को बोलने का हक नहीं बनता है। उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई।
उन्होंने कहा कि उस समय घोषित आपातकाल था और घोषणा के माध्यम से आपातकाल हटाया था। किसी आंदोलन के चलते आपातकाल नहीं हटाया था। जिस पार्टी ने आपातकाल लगाया था उसी व्यक्ति, उसकी पार्टी के नेताओं ने देश से माफी मांगी थी। कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि देशवासियों ने इन लोगों को माफ कर दिया और ढाई साल के भीतर फिर से चुनाव जिताया।
20 सूत्रीय कार्यक्रम में आरएसएस करना चाहता था सहयोग
पवन खेड़ा ने बताया कि आपातकाल के समय आरएसएस की क्या भूमिका थी इसके बारे में आप अपने नेता सुब्रमण्यम स्वामी से पूछिए। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी के पास माफीनामे और वार्ताकार भेजे जा रहे थे और कह रहे थे कि हमसे एक बार बात कर लीजिए। हम आपके 20 सूत्रीय कार्यक्रम में सहयोग देना चाहते हैं। लेकिन इंदिरा जी ने उनको वार्ताकारों को कोई उत्तर नहीं दिया। उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा कि संघ के मूले जी ने घोषणा की कि हमने संघ को भंग कर दिया और आज के समय में आपातकाल पर भाषण दिया जा रहा है। आपातकाल गलत था और लगाने वाले ने यह स्वीकार भी किया है।
अघोषित आपातकाल का दौर
पवन खेड़ा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले सात साल से अघोषित आपातकाल का दौर चल रहा है। जब मोदी जी आपातकाल के बारे में बोलते हैं तो हंसी आती है। उन्होंने कहा कि आज के विपक्ष की उस वक्त के विपक्ष से तुलना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उस वक्त के विपक्ष के एक नेता बड़ौदा डायनामाइट केस में संलिप्त पाया गया था। लेकिन आज के किसी नेता का अगर डायनामाइट में नाम आ जाए तो पन्ना प्रमुख कहेंगे कि मोदी जी के खिलाड़ षडयंत्र, देश के खिलाफ षडयंत्र। उन्होंने कहा कि गलत तब भी था और आज भी होगा।
यहां सुने पूरा वक्तव्य:-