By अंकित सिंह | Dec 06, 2025
कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की विरासत को विकृत और अपमानित करने के प्रयासों की कड़ी आलोचना की और इसे इतिहास को फिर से लिखने और राष्ट्र की नींव को नष्ट करने का एक सुनियोजित प्रयास बताया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जवाहरलाल नेहरू की विरासत को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए, सोनिया गांधी ने दावा किया कि उनका लक्ष्य देश की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को नष्ट करना है।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित जवाहर भवन में नेहरू सेंटर इंडिया के शुभारंभ के अवसर पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करने की परियोजना आज सत्ताधारी प्रतिष्ठान का मुख्य उद्देश्य है। उनका लक्ष्य केवल उन्हें मिटाना नहीं है, बल्कि वास्तव में उन सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक नींव को नष्ट करना है जिन पर हमारे राष्ट्र की स्थापना और निर्माण हुआ है। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने कहा कि हम उनके (पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू) योगदानों के निरंतर विश्लेषण का स्वागत करते हैं, लेकिन उन्हें बदनाम करने, विकृत करने, अपमानित करने और अपमानित करने का व्यवस्थित प्रयास अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा कि इसका एकमात्र उद्देश्य न केवल उन्हें एक व्यक्तित्व के रूप में, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी सर्वमान्य भूमिका और अभूतपूर्व समस्याओं से जूझ रहे एक स्वतंत्र राष्ट्र के नेता के रूप में उनके शुरुआती दशकों को कमतर आंकना है, बल्कि इतिहास को फिर से लिखने के स्वार्थी प्रयास में उनकी बहुमुखी विरासत को भी नष्ट करना है। उन्होंने इन प्रयासों को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान का विरोध करने वाली विचारधाराओं से जोड़ते हुए कहा कि ये कट्टरपंथी और क्रूर सांप्रदायिक दृष्टिकोण से प्रेरित थे।
गांधी ने कहा कि विश्लेषण एक बात है, लेकिन उन्होंने जो कहा, जो लिखा और जो किया, उसमें जानबूझकर गड़बड़ी करना दूसरी बात है और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। वे कौन सी ताकतें हैं जिन्होंने यह परियोजना शुरू की है? वे उस विचारधारा से ताल्लुक रखती हैं जिसकी हमारे स्वतंत्रता आंदोलन और हमारे संविधान के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी।