UP Election 2022 । बुद्ध की निर्वाण स्थली कुशीनगर में स्‍वामी प्रसाद मौर्य को कड़ी चुनौती

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 26, 2022

कुशीनगर (उप्र)। लोकदल, बहुजन समाज पार्टी और फिर भारतीय जनता पार्टी से होकर समाजवादी पार्टी में आये उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य छठी बार विधानसभा में पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे हैं लेकिन कुशीनगर जिले के फाजिलनगर क्षेत्र में उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है। जनवरी माह में उत्तर प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर पिछड़ों और दलितों की उपेक्षा का आरोप लगाकर श्रम एवं सेवायोजन मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य फाजिलनगर में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं। भारतीय जनता पार्टी ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य को घेरने के लिए कांग्रेस सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री और कुशीनगर के कद्दावर नेता आरपीएन सिंह को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई, और उसके एक हफ्ते के भीतर ही सपा ने मौर्य को उनकी परंपरागत पडरौना विधानसभा सीट से हटाते हुएफाजिलनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। जानकारों के अनुसार फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में करीब 90 हजार मुस्लिम मतदाता, 55 हजार मौर्य-कुशवाहा, 50 हजार यादव, 30 हजार ब्राह्मण, 40 हजार कुर्मी-सैंथवार, 30 हजार वैश्य और लगभग 80 हजार दलित मतदाता हैं। 


भारतीय जनता पार्टी ने अपने कब्जे वाली फाजिलनगर सीट को बचाने और मौर्य की राह रोकने के लिए अब पूरी ताकत झोंक दी है। इलाके के जानकार दावा करते हैं कि स्‍वामी प्रसाद की राह रोकना आरपीएन की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है, हालांकि वह जिले की सभी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी पंचायत प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय प्रमुख (दस जिलों के प्रभारी) अजय तिवारी ने कहा स्‍वामी प्रसाद मौर्य अगर पिछली बार भाजपा से चुनाव नहीं लड़ते तो पडरौना में हार जाते, इस बार उनकी गलतफहमी मतदाता दूर कर देंगे और उन्हें पता चल जाएगा कि विश्वासघात का नतीजा क्‍या होता है। फाजिलनगर में मौर्य के खिलाफ भाजपा ने इस बार अपने मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के शिक्षक पुत्र सुरेंद्र कुशवाहा को मौका दिया है। कांग्रेस से मनोज कुमार सिंह और बहुजन समाज पार्टी ने हाल ही में समाजवादी पार्टी छोड़कर आए इलियास अंसारी को उम्मीदवार बनाया है। विधानसभा क्षेत्र के नकटहां गांव निवासी बसपा नेता तूफानी प्रसाद ने पीटीआई- से कहा दलित मतदाताओं की बड़ी तादाद है और अगर मुसलमानों ने सहयोग कर दिया तो इलियास की जीत सुनिश्चित है। 

 

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फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र के एसवीएम पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेजके असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रभाकर मिश्र ने कहा कि “फाजिलनगर विधानसभा क्षेत्र में कुशवाहा-मौर्य (कोइरी) बिरादरी की अच्छी संख्या होने की वजह से स्‍वामी प्रसाद मौर्य यहां चुनाव लड़ने आए हैं लेकिन मुस्लिम मतदाताओं ने पूरा सहयोग किया तभी चुनाव जीत पाएंगे।” इस क्षेत्र में आम मुस्लिम मतदाता मुखर नहीं है। किसे वोट देंगे यह पूछने पर युवा कारोबारी निज़ामुद्दीन ने कहा कि जो भेदभाव और नफ़रत की राजनीति नहीं करेगा वही मुसलमानों का वोट पाएगा। कुरेदने पर भी उन्होंने किसी उम्मीदवार का नाम नहीं लिया। फाजिलनगर में 2017 के चुनाव में भाजपा के गंगा सिंह कुशवाहा ने कांग्रेस गठबंधन से सपा के विश्वनाथ सिंह को क़रीब41 हजार मतों के भारी अंतर से हराया था। गंगा सिंह को 1,02778 मत मिले जबकि विश्वनाथ को 60856, बसपा के जगदीश सिंह को 34250और नोटा में 2811 मत मिले थे। बाक़ी क़रीब एक दर्जन उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले। दलितों और मुस्लिम मतदाताओं के साथ ही हालाँकि भाजपा समर्थक सुरेंद्र कुशवाहा की जीत का दावा करते हैं, लेकिन कोइरी समाज से दो उम्मीदवार होने से टसल भी तेज हुई है। 

 

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फाजिलनगर के युवा साकेत कुशवाहा ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार साफ सुथरी छवि के हैं और उन्हें पहली बार मौका मिला, स्‍वामी प्रसाद अगर बिरादरी के हितैषी होते तो इस क्षेत्र में आकर सुरेंद्र कुशवाहा की राह में रोड़ा नहीं बनते। डॉक्टर प्रभाकर मिश्र कुशवाहा के तर्क को नकारते हैं। मतदाताओं की रुझान का हवाला देकर डॉक्टर मिश्र ने कहा कि भाजपा कहती है कि वंशवाद को बढ़ावा नहीं देंगे लेकिन यहां तो विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे को ही टिकट दे दिया, इससे लोगों में ख़ासकर कुशवाहा समाज में खुन्नस है। वह यह भी दावा करते हैं कि मौर्य-कुशवाहा बिरादरी में बड़ा चेहरा होने का लाभ स्‍वामी प्रसाद को मिल सकता है, लेकिन एक पेट्रोल पंप का प्रबंधन संभाल रहे बीकॉम शिक्षित युवा राजकुमार चौधरी दावा करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभाव में जातियों की गोलबंदी टूट गई है और इसका लाभ भाजपा को मिलेगा। फाजिलनगर में अपनी भारी बहुमत से जीत का दावा करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी 300 से ज़्यादा सीटें जीतेगी और भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। प्रतापगढ़ जिले के मूल निवासी करीब 68 वर्षीय स्‍वामी प्रसाद मौर्य बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और मायावती के नेतृत्व की सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। वह दो बार रायबरेली जिले और तीन बार पडरौना से विधानसभा का चुनाव जीते।

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