By अभिनय आकाश | Mar 16, 2023
आम आदमी पार्टी (आप) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक बार गुजरात के साबरमती आश्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर हमला करने वाली हिंसक भीड़ का नेतृत्व किया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सक्सेना को पद से बर्खास्त करने का आग्रह किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने इस घटना का एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें कथित तौर पर सक्सेना को पुलिस अधिकारियों के साथ बहस करते हुए देखा जा सकता है, जब गोधरा के बाद के दंगों की पृष्ठभूमि में अहमदाबाद में गांधी आश्रम में आयोजित एक शांति बैठक में लोगों के एक समूह ने पाटकर पर हमला किया था।
आप नेता संजय सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वीडियो देखने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़कर सभी को शर्म आएगी क्योंकि उन्होंने ही सक्सेना को दिल्ली एलजी बनाया था। सिंह ने कहा, "देश की महिलाएं और करोड़ों लोग सोच रहे होंगे कि पीएम मोदी ने बहुत ही शर्मनाक हरकत की है। मोदी जी, एलजी को हटाओ और उन्हें अदालत की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कहो। मार्च 2002 की घटना ने एक नए विवाद में तबदील कर दिया जब सक्सेना ने हाल ही में गुजरात की एक अदालत से अनुरोध किया कि जब तक वह शीर्ष पद पर हैं, तब तक उनके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा स्थगित रखा जाए।
सरदार सरोवर नर्मदा बांध का विरोध करने वाली नर्मदा बचाओ अभियान की अगुवा मेधा पाटकर के खिलाफ सक्सेना ने एक लंबी कानूनी लडाई लडी। पाटकर ने सक्सेना पर सरकारी योजनाओं से लाभ उठाने का आरोप लगाया तो सक्सेना ने उन पर मानहानि का केस दायर कर दिया था, पाटकर ने भी उनके खिलाफ केस दायर किया था, जिनहें बाद में दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था।