By अभिनय आकाश | Jul 23, 2025
आगरा धर्म परिवर्तन मामले में एक बड़े घटनाक्रम में, मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान ने खुलासा किया कि वह एक 'स्लीपर सेल' की तरह काम कर रहा था, और पिछले 35 वर्षों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवा लड़के और लड़कियों को निशाना बनाकर गुप्त रूप से लोगों को इस्लाम में परिवर्तित कर रहा था। आगरा पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान, अब्दुल रहमान ने बताया कि वह पहले युवा लड़के-लड़कियों को निशाना बनाता था, और फिर अपने समूह के मुस्लिम युवकों को उनके पास भेजकर उनका ब्रेनवॉश करता था। जब ये युवा वयस्क हो जाते थे, तो उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन दिए जाते थे, मस्जिदों में ले जाया जाता था जहाँ उनसे कलमा पढ़वाया जाता था, और धर्मांतरित मुसलमानों से उनकी शादी करा दी जाती थी, यह सब एक सुनियोजित धर्मांतरण प्रक्रिया का हिस्सा था।
रहमान ने कबूल किया कि वह अकेले ऐसा नहीं कर रहा था; इस सिंडिकेट में एक पूरी टीम शामिल थी, जो अलग-अलग इलाकों में गुप्त रूप से काम कर रही थी। उसने मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा लिखी किताबों का इस्तेमाल लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए किया। उसके घर से ऐसी कई किताबें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं और उनकी जाँच चल रही है। रहमान पिछले 35 सालों से इस्लाम फैलाने के लिए लोगों का धर्मांतरण करा रहा था।
रहमान ने यह भी खुलासा किया कि धर्मांतरण के लिए संवेदनशील लोगों की पहचान करने और उन्हें निशाना बनाने में सोशल मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है। पूछताछ के दौरान, रहमान ने आगरा पुलिस को बताया कि धर्मांतरण नेटवर्क के तहत कई लोग गुप्त रूप से स्लीपर सेल की तरह काम कर रहे हैं। पुलिस अब इस सिंडिकेट में शामिल और सदस्यों की सक्रियता से तलाश कर रही है।