प्रौद्योगिकी क्षेत्र में साल भर हुई हलचल का लेखा-जोखा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 19, 2016

दुनिया भर में प्रौद्योगिकी क्षेत्र के कई घटनाक्रम इस वर्ष सुर्खियां बटोरने और मुख्य धारा के मीडिया को अपनी तरफ आकर्षित करने में सफल रहे। एक तरफ दुनियाभर में मोबाइल गेम ‘पोकेमॉन गो’ को लेकर दीवानगी देखने लायक रही, वहीं आईफोन-7 की रिकार्ड प्री-बुकिंग भी चर्चा में रही। साथ ही दिग्गज दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग के कुछ मोबाइल हैंडसेट के फटने की खबरें आयीं, जिसके बाद पैदा हुए विवादों से कंपनी की साख को धक्का लगा। इस साल जुलाई महीने में मोबाइल गेम ‘पोकेमॉन गो’ लांच हुआ और देखते ही देखते पूरे प्रौद्योगिकी जगत में किसी सनसनी की तरह फैल गया। यह सच है कि स्मार्टफोन के आने के बाद वर्चुअल गेमिंग का चलन बढ़ा है लेकिन किसी भी गेम को शायद ही इतनी सफलता मिली हो। एक तरफ लोगों ने इसे हाथोंहाथ लिया, वहीं एन्ड्रॉयड, आईओएस और एप्पल वॉच प्लेटफॉर्म पर चलने वाले इस गेम ने कई सरकारों और सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ा दीं।

दरअसल, अमेरिकी कंपनी नियांटिक द्वारा लांच किये गये इस गेम को खेलने के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) और कैमरे का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरह की चिंताएं व्यक्त की गयीं। रूस के संचार मंत्री निकोलाई निकिफोरो ने शंका जतायी कि संभव है कि खुफिया एजेंसियों की मदद से इस गेम को विकसित किया गया हो, जिसका लक्ष्य वीडियो फॉर्मेट में जानकारी इकट्ठा करना हो। हालांकि उन्होंने इस गेम पर पूर्ण प्रतिबंध की हिमायत नहीं की। ईरान में इस गेम को प्रतिबंधित कर दिया गया, वहीं इंडोनेशिया में पुलिस अधिकारियों को यह गेम खेलने से प्रतिबंधित कर दिया गया, जबकि पाकिस्तान में सरकारी कार्यालयों में पोकेमॉन गो खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसी तरह दुनिया के कई देशों से गेम पर आंशिक या सीमित प्रतिबंध की खबरें आईं।

 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पोकेमॉन गो गेम काफी लोकप्रिय हुआ। करीब 23.1 करोड़ लोगों ने फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इससे जुड़े लगभग 1.1 अरब पोस्ट किए और इसे सोशल मीडिया फेनोमेना घोषित किया गया। गेम को लांच किये जाने के महज 33 दिन बाद इसके डाउनलोड की संख्या बढ़कर 10 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गयी। इस बीच प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एप्पल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक ने सैन फ्रांसिस्को के बिल ग्राहम सिविक ऑडिटोरियम में सात सितंबर को आयोजित एक कार्यक्रम में आईफोन-7 और 7 प्लस को बाजार में लाने की घोषणा की। 16 सितंबर को आईफोन-7 और 7 प्लस को औपचारिक तौर पर बाजार में लाया गया। इसके बाद सितंबर और अक्तूबर में इसे दुनिया के विभिन्न देशों में लांच किया गया। इस बहुप्रतीक्षित स्मार्टफोन के डिजाइन को कंपनी ने कमोबेश आईफोन-6 और 6 एस की तरह ही रखा। हालांकि 3.5 ऑडियो जैक को हटा दिया गया। इसको लेकर आईफोन-7 की आलोचना की गयी। वहीं दूसरी दिग्गज कंपनी सैमसंग अपने मोबाइल उत्पादों को लेकर विवादों में रही। कंपनी के गैलेक्सी नोट-7 को विमान यात्रा के दौरान प्रतिबंधित कर दिया गया। ऐसा फोन में आग लगने की घटनाओं के सामने आने और अन्य सुरक्षा फीचर के चलते किया गया। इसके बाद दिग्गज दक्षिण कोरियाई कंपनी ने यह कहते हुए सैमसंग गैलेक्सी नोट-7 को दुनिया भर के बाजारों से वापस ले लिया कि ग्राहकों की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके अलावा फ्रांस से गैलेक्सी जे-5 के भी फटने की खबर आयी, जिससे इस कंपनी की साख को गहरा धक्का लगता दिखा।

 

इस वर्ष भारत के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी के आरआईएल ने जियो के जरिये टेलीकॉम क्षेत्र में धमाकेदार इंट्री ली। हालांकि जून 2015 में इस बात की घोषणा की गयी थी कि उस साल के अंत तक जियो की सेवाओं की शुरूआत होगी लेकिन पांच सितंबर, 2016 को यह मुमकिन हो सका। जियो सेवाओं की शुरुआत के साथ कंपनी के मुखिया मुकेश अंबानी ने 31 दिसंबर तक मुफ्त 4जी इंटरेनट सेवा देने की घोषणा की। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कंपनी को लांच की घोषणा से तीन महीने तक मुफ्त सेवा उपलब्ध कराने की हरी झंडी दी। हालांकि इन तमाम घटनाक्रम के बीच जियो के ग्राहकों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ और कंपनी के सिम कार्ड के लिए लोग रिलायंस डिजिटल और अन्य आउटलेट के बाहर कतारों में खड़े देखे गये। दिसंबर की शुरुआत में आरआईएल ने नि:शुल्क जियो सेवाओं को 31 मार्च तक के लिए बढ़ाने की घोषणा की।

 

अक्तूबर के तीसरे सप्ताह में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने घोषणा की कि वह डेटा चोरी की आशंका के कारण अपने ग्राहकों के छह लाख डेबिट कार्ड बदलेगा। इसके बाद ही सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के करीब 32 लाख एटीएम कार्ड के डेटा चोरी होने की आशंका जतायी गयी और संबंधित बैंकों ने अपने ग्राहकों से पिन बदलने के लिए कहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा दिये जाने की जुगत के बीच भी एटीएम कार्ड के डेटा चोरी होने और इंटरनेट एवं मोबाइल बैंकिंग सेवा की सुरक्षा को लेकर भी व्यापक तौर पर चिंता जतायी जा रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी, उद्योगपति विजय माल्या और एनडीटीवी के जानेमाने चेहरे बरखा दत्त एवं रवीश कुमार के ट्विटर अकाउंट हैक होने की खबरें साल के आखिरी महीने में आयीं। लीजन समूह ने इन अकाउंट्स को हैक करने का दावा किया। इन सभी घटनाक्रमों के कारण ऑनलाइन निजता और नकदीरहित अर्थव्यवस्था की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं और बलवती हुई हैं।

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