By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 29, 2019
नयी दिल्ली। संकट के दौर से गुजर रही गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) पर अपने बकाया को लेकर कोई भी कदम उठाने से पहले बैंकों को रिजर्व बैंक के दिशानिर्देंशों को ध्यान में रखना होगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शुक्रवार को यह बात कही। रिजर्व बैंक ने संकटग्रस्त कर्ज को लेकर सात जून को एक परिपत्र जारी किया था। परिपत्र में इस संबंध में जरूरी दिशानिर्देश दिये गये थे।
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कुमार यहां वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने आए थे। उन्होंने बताया कि इस दौरान डीएचएफएल के संकट को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। दिसंबर के अंत तक डीएचएफएल पर एक लाख करोड़ रुपया का बकाया था। इसमें 38 प्रतिशत बैंकों का है और एसबीआई का बकाया उसमें भी सबसे ज्यादा है।
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कुमार ने यहां पत्रकारों से कहा कि रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज को लेकर सात जून को जो दिशानिर्देश जारी किए, अब उन्हीं के आधार पर एनबीएफसी या अन्य क्षेत्र में पड़े संकटग्रस्त ऋण को लेकर कोई कार्रवाई की जाएगी।