By अनुराग गुप्ता | Aug 27, 2021
नयी दिल्ली। देश में पहली बार इसरो से बाहर की निजी कंपनियों को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) का कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा। आपको बता दें कि कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में जुटी कंपनियों में अडानी और L&T की अगुवाई वाले समूह शामिल हैं।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक पीएसएलवी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने दौड़ में तीन संस्थाएं हैं। जिनमें दो कंसोर्टिया और एक फर्म शामिल है। दरअसल, यह कॉन्ट्रैक्ट पांच लॉन्च वाहनों के निर्माण के लिए होगा।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बलरिपोर्ट्स के मुताबिक 3 संस्थाओं ने 30 जुलाई को न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा जारी एक आरएफपी (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) के जवाब में अपनी बोलियां जमा की हैं। अंतरिक्ष विभाग (DoS) के मुताबिक इस कॉन्ट्रैक्ट से मेक इन इंडिया के कॉन्सेप्ट को बढ़ावा मिलेगा और उपग्रहों की लॉन्चिंग क्षमता भी बढ़ेगी।रिपोर्ट के मुताबिल साल 2019 में एनएसआईएल ने 5 पीएसएलवी के लिए रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) की घोषणा की थी, जिस पर पांच संस्थाओं ने प्रतिक्रिया दी थी। उसी के लिए दिसंबर 2020 में आरएफपी जारी किया गया था।एनएसआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन डी ने कहा कि तकनीकी-वाणिज्यिक मूल्यांकन चल रहा है, जिसके बाद बोलियां खोली जाएंगी। हमें पूरी प्रक्रिया कुछ महीनों में पूरी होने की उम्मीद है और इस समय कुछ भी टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस साल के अंत तक कॉन्ट्रैक्ट दिया जा सकता है और जिनका चयन होगा वो लाइसेंस प्राप्त निर्माता होगी।
उद्योगों के साथ मिलकर काम करता है इसरोइसरो पीएसएलवी लॉन्च के लिए उद्योगों की मदद लेता रहता है। किसी भी लॉन्च के लिए 150 से अधिक छोटे-बड़े उद्योगों और वाहनों के योगदान पर टिका होता है। हालांकि यह पहली दफा होगा जब लॉन्च पूरी तरह से उद्योगों पर आधारित होगा।