By अंकित सिंह | Jun 04, 2019
आजमगढ़/गाजीपुर/लखनऊ। आपसी गठबंधन को फिलहाल होल्ड पर रखने के बसपा प्रमुख मायावती के ऐलान के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी मंगलवार को अपनी राहें अलग करने के संकेत दे दिये। अखिलेश ने कहा कि अगर गठबंधन टूटा है और जो बातें कही गयी हैं ... मैं उन पर बहुत सोच समझकर विचार करूंगा। उन्होंने कहा कि जब उपचुनाव में गठबंधन है ही नहीं, तो सपा भी उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर राय मशविरा करके अकेले उपचुनाव लड़ेगी।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि अगर रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत है। इससे पहले अखिलेश ने आजमगढ़ में कहा वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी। यही हमारी रणनीति है। हम उप्र को विकास की नयी ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।’’ पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान बसपा प्रमुख मायावती द्वारा सपा के साथ गठबंधन को फिलहाल रोकने के निर्णय के मद्देनजर खासे मायने रखता है।
इसे भी पढ़ें: बुआ ने भतीजे से कहा, पहले खुद को साबित करो तभी करेंगे गठबंधन
मालूम हो कि बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को नयी दिल्ली में लोकसभा चुनाव परिणामों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव अपने दम पर लड़ने का निर्णय लिया था। उसके बाद सपा—बसपा गठबंधन टूटने की अटकलें तेज हो गयी थीं। इसी बीच, मायावती ने मंगलवार को स्थिति स्पष्ट करते हुए संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का ‘आधार वोट’ यानी यादव समाज अपनी बहुलता वाली सीटों पर भी सपा के साथ पूरी मजबूती से टिका नहीं रह सका। उसने भीतरघात किया और यादव बहुल सीटों पर सपा के मजबूत उम्मीदवारों को भी हरा दिया।