आहलूवालिया ने अमरिंदर को दिए थे केंद्र के कृषि कानूनों को लागू करने का सुझाव, कैप्टन ने किया खारिज

By अंकित सिंह | Feb 09, 2021

पंजाब में अमरिंदर सिंह के लिए अजीबोगरीब परिस्थिति सामने आई है। दरअसल, अमरिंदर सिंह ने राज्य को कोविड-19 के बाद वित्तीय संकट से उबारने के लिए एक समिति गठित की थी। इस समिति की अध्यक्षता उन्होंने मोंटेक सिंह अहलूवालिया को सौंपी थी। मोंटेक सिंह आहलूवालिया मनमोहन सिंह की सरकार में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रह चुके हैं। मोंटेक सिंह अहलूवालिया के नेतृत्व वाली समिति ने अपना पहला रिपोर्ट पंजाब सरकार को अगस्त महीने में ही सौंप दिया था। उस दौरान 74 पन्ने की इस रिपोर्ट में आहलूवालिया ने सरकार को ऐसे सुझाव दिए थे जो केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों से मेल खाते हैं। लेकिन दिक्कत अमरिंदर सिंह के लिए रही क्योंकि वह खुलकर केंद्र की नीतियों का विरोध करते रहे हैं।

 

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इतना ही नहीं, अहलूवालिया के नेतृत्व वाली कमेटी ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल 2020 की खुली वकालत करते हुए इसे राज्य में लागू करने का सुझाव दिया था। हालांकि, पंजाब सरकार शुरू से ही दोनों ही कानूनों का लगातार विरोध करती रही है और इन दोनों कानूनों को राज्य में किसी भी कीमत पर लागू नहीं करने का ऐलान कर चुकी है। इस समिति ने किसानों के लिए खुली मंडी, किसानों को दी जा रही बिजली सब्सिडी समाप्त करने जैसी चीजों भी सिफारिशें की थी। समिति राज्य के आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए 3 चरणों में अपनी सिफारिश देगी।

 

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इन सबके बीच, मोंटेक सिंह अहलूवालिया की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों को पंजाब सरकार ने खारिज कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक के बाद एक ट्वीट कर मोंटेक सिंह अहलूवालिया की कृषि क्षेत्र को ले की गई सिफारिशों को खारिज करने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि कृषि क्षेत्र पर मोंटेक सिंह अहलूवालिया की कमेटी की सिफारिशों को अस्वीकार करके मैंने, मेरे और मेरी सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है। अमरिंदर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि ऐसी कोई भी सिफारिश जो किसानों के हित में नहीं है उसे पंजाब में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति का कार्य सिफारिशें करना है उसे स्वीकार या अस्वीकार करना मेरी सरकार का काम है। मुझे जमीनी हकीकत पता है और मुझे यह भी पता है कि किसानों के लिए क्या अच्छा है। मैं किसी भी कीमत पर उनके हितों से समझौता नहीं होने दूंगा। 

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