By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 10, 2018
नयी दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने आज आदेश दिया कि एयरसेल - मैक्सिस सौदे से जुड़े धन शोधन मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी . चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति को सात अगस्त तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। हालांकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया।।निदेशालय ने इस जमानत याचिका का विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी के समक्ष लिखित में विरोध किया और मामले पर बहस के लिए समय मांगा। इसके बाद अदालत ने चिदंबरम और कार्ति के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी के अनुरोध पर उनके मुवक्किलों को सात अगस्त तक के लिए गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया।
निदेशालय की ओर से विशेष लोक अभियोजकों वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर और वकील एनके मट्टा तथा नीतेश राणा ने कहा कि अब तक हुई जांच से ‘‘ प्रथमदृष्टया एक ठोस मामला सामने आया है जिसमें पूर्व मंत्री की सं लिप्तता का पता चलता है और एक बड़ी साजिश का खुलासा हो रहा है।’’ निदेशालय ने आरोप लगाया कि चिदंबरम ने अपने जवाबों में टालमटोल की है और ‘‘ जांच उन परिस्थितियों के आधार पर की जा रही है जिसमें आवेदक, तत्कालीन वित्त मंत्री ने कथित एफआईपीबी की मंजूरी दी, इसके अलावा अन्य जुड़े हुए मुद्दे भी इसमें शामिल हैं।’’
चिदंबरम ने 30 मई को अदालत से इस मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण देने का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि इस मामले के सभी साक्ष्यों की प्रकृति दस्तावेजी लगती है और वे पहले से मौजूदा सरकार के पास हैं। इसके अलावा , उनसे कुछ और बरामद नहीं किया जाना है। अदालत ने टूजी स्पेक्ट्रम मामले से जुड़े एयरसेल - मैक्सिस मामले में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा क्रमश: 2011 और 2012 में दर्ज दो मामलों में कार्ति को आज तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था। यह मामला एयरसेल में निवेश के लिए मैसर्स ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेस लिमिटेड को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने से जुड़ा है।