By अंकित सिंह | Dec 09, 2021
असम में हिंदू मुस्लिम को लेकर जबरदस्त तरीके से राजनीति जारी है। इन सबके बीच एआईयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कहा कि औरंगजेब ने भारत में कई सौ मंदिरों को भूमि दान की थी। उन्होंने कहा कि एक इतिहासकार ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि औरंगजेब ने अपने शासन के दौरान 400 से अधिक मंदिरों के लिए भूमि दान की थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि अन्य मुगल शासकों ने भी गुवाहाटी में कामाख्या मंदिर सहित मंदिरों के पुजारियों के लिए भी भूमि दान की। इसके साथ ही विधायक ने यह भी कहा कि भारत में धर्मनिरपेक्षता हजारों वर्षों से मौजूद है। यह 1947 के बाद आया, ऐसा कहना ठीक नहीं है। आपको बता दें कि विधायक का बयान ऐसे समय में आया है जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि भारत 1947 के बाद ही धर्मनिरपेक्ष बना है।
सीएम ने नाराजगी जताई
विधायक ने कहा कि औरंगजेब ने भारत में 1658 से 1707 के बीच शासन किया था। विधायक ने यह भी दावा किया कि औरंगजेब ने भारत के सैकड़ों मंदिरों को दान दिया था जिसमें वाराणसी के जंगमबाड़ी मंदिर को दी गई 178 हेक्टेयर भूमि भी शामिल है। विधायक का यह बयान आते ही मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने नाराजगी जताई है। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि आपका एक विधायक पहले से ही जेल में है और अगर इस तरह का बयान फिर से दिया जाएगा तो वह भी जेल में चले जाएंगे। विधायक के बयान पर टिप्पणी करते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि सरकार इस तरह के बयानों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। इसी तरह के बयान की वजह से पहले से ही एक मियां विधायक शर्मन अली जेल में है। अगर अमीनुल इस्लाम भी दोबारा इस तरह के बयान देते हैं तो उन्हें भी जेल जाना पड़ेगा। हमारी सरकार सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ बयानबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर वह जेल से बाहर रहना चाहते हैं तो विकास पर बात कर सकते हैं। हमारी सरकार की आलोचना कर सकते हैं। अर्थशास्त्र पर बात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कामाख्या, शंकरदेव, बुद्ध, महावीर जैन यहां तक कि पैगंबर मोहम्मद को भी किसी को घसीटना नहीं चाहिए। इन सब के बीच एक हिंदू संगठन ने अमीनुल इस्लाम के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी है। असम से यह मामला लगातार बढ़ता जा रहा है।