ये सत्ता की भूख किसी भी राजनेता से कुछ भी करवा सकती है। कब दो दोस्त दुश्मन बन जाए और कब दो दुश्मन करीब आ जाए, ये राजनीति में पता ही नहीं चलता। देश में लोकसभा चुनाव होने वाले है नरेंद्र मोदी सरकार को हराने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों ने अपना गठबंधन बना लिया हैं। वो किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में नहीं आने देना चाहती और इसी दिशा को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर दो राजनीतिक दुश्मन करीब आने जा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आज लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
जहां उत्तर प्रदेश में बीजेपी से मुकाबले के लिए गठबंधन का एलान संभव है। आपको बता दें कि कांग्रेस ने जो महागठबंधन बनाया है उससे अखिलेश- मायावती दूरियां बनाते हुए नजर आ रहे है और शायद आज वो महागठबंधन से अलग होने की अधिकारिक घोषणा भी कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक एसपी-बीएसपी ने कांग्रेस को गठबंधन में जगह नहीं दी है।
सूत्रों के मुताबिक, बीएसपी-एसपी दोनों पार्टियां लोकसभा चुनाव में 37-37 सीटों पर लड़ सकती है। सूबे में लोकसभा की 80 सीटें है। कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी के साथ महागठबंधन बनाकर लड़ने की उम्मीद में थी। लेकिन तमाम सिसायी नफा-नुकसान के आंकलन के बाद दोनों दलों ने कांग्रेस को जगह नहीं दी। कांग्रेस ने इसे बेहद खतरनाक गलती बताया है।
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