By निधि अविनाश | Jan 29, 2020
नई दिल्ली। हम दिल दे चुके सनम से लेकर देवदास जैसी इमोशनल और प्यार में डूब जाने वाली फिल्मों से आप सभी लोग वाकिफ हैं। ऐसी फिल्मों को बनाने का क्रेडिट सिर्फ एक शख्स को जाता है और वो शख्स है संजय लीला भंसाली। फिल्मों में प्यार, इमोशंस, और दर्द को एक साथ पेश करने का हुनर सिर्फ भंसाली जी के पास ही है। अब भंसाली अपनी एक और यादगार फिल्म लेकर आ रहे हैं। इस फिल्म की कहानी गंगूबाई काठियावाड़ी पर आधारित है। इसमें आलिया भट्ट को लीड रोल में रखा गया है। यानि कि आलिया भट्ट इसमें गंगूबाई काठियावाड़ी का किरदार निभाएंगी। बता दें कि इस फिल्म का पोस्टर भी रिलीज हो गया है। इस पोस्टर में आप आलिया भट्ट को गंगूबाई काठियावाड़ी के लुक में देख सकते हैं। यह फिल्म 11 सिंतबर 2020 को सभी सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी। अब सवाल यह हें कि आखिर गंगूबाई काठियावाड़ी थी कौन? आखिर क्यों भंसाली इस फिल्म को बनाने की इतनी चाहत रखते हैं? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं गंगूबाई काठियावाड़ी की असली कहानी जिसको सुनकर आप खुद को भावुक होने से नहीं रोक पाएंगे।
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गंगूबाई काठियावाड़ी
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ मुंबई के मुताबिक गुजरात की रहने वाली गंगूबाई काठियावाड़ी बचपन से ही अभिनेत्री बनना चाहती थी। उनका पूरा नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था। बचपन से वह चाहती थी कि वह एक कामयाब अभिनेत्री बनें लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 16 साल की उम्र में उनका सबकुछ बदल गया जो उन्होंने शायद अपने सपने में भी नहीं सोचा होगा। अपने पिता के accountant से प्यार होने के बाद उन्होंने भाग कर शादी कर ली और मुबंई आ गई। प्यार में पागल गंगूबाई को अंदाजा भी नहीं था कि उनके साथ मुंबई जैसी जगह पर क्या होने जा रहा है। जिस शख्स के लिए उन्होंने अपना घर परिवार छोड़ा था उसी ने उन्हें धोखा दिया। ऐसा धोखा जिससे उनका दिल टूट गया। बता दें कि उनके पति ने सिर्फ 500 रूपये के लिए अपनी पत्नी को कोठे पर बेच दिया। गंगूबाई के लिए यह एक खतरनाक सपने की तरह था पर अब वह बिक चुकी थी। एक ऐसी जगह जो औरतों के लिए एक नर्क से बदतर जगह होती है वहां गंगूबाई की असली जिंदगी की शुरूआत हुई।
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वो औरत जिसने डॉन को बांधी राखी
लेखक एस हुसैन जैदी की किताब के मुताबिक गंगूबाई मुंबई के कमाठीपुरा इलाके में कोठा चलाती थी। छोटी सी उम्र में सेक्स वर्कर के लिए उन्हें काफी मजबूर किया गया। इस कोठे पर बड़े से बड़े कुख्यात अपराधियों ने भी कदम रखे। बता दें कि जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई में खतरनाक डॉन करीम लाला का भी जिक्र किया गया है। इस किताब के मुताबिक डॉन करीम लाला के एक सदस्य ने गंगूबाई से रेप किया था। अपने साथ हुए इस घिनौने अपराध का इंसाफ मांगने के लिए गंगूबाई ने करीम लाला से मिलने की सोची और मदद की गुहार लगाई। करीम लाला ने गंगूबाई को आश्वासन दिया कि जिसने भी ऐसा किया है उसे बख्शा नहीं जाएगा, रेप करने वाले को जरूर सजा दी जाएगी। यह सुनकर गंगूबाई ने अपने हाथ की कलाई में पहनी मौली का एक धागा तोड़कर करीम लाला के हाथ पर बांध दिया और कहा कि किसी भी आदमी ने मुझे आजतक इतना सुरक्षित महसूस नहीं कराया है और इसलिए आज से मैं आपको अपना राखी भाई मानती हूं। करीम लाला ने अपने उस सदस्य को रंगे हाथों पकड़ा जिसने गंगूबाई के साथ रेप किया था और सीना ठोक कर कहां कि गंगूबाई मेरी बहन हैं इसे कोई हाथ भी नहीं लगा सकता है। बस वहीं से गंगूबाई कमाठीपुरा इलाके की माफिया क्वीन बन गई।
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माफिया क्वीन का दबदबा
माफिया क्वीन के नाम से चर्चित गंगूबाई का काफी नाम हुआ। उनका एक अलग ही दबदबा था। गंगूबाई किसी भी लड़की को उसकी बिना मर्जी के कोठे में नहीं रखती थी। एक ऐसी सेक्स वर्कर जिसका हर जगह सम्मान हुआ। बता दें कि उन्होंने सेक्सवर्कर जैसे घिनौने बाजार को खत्म कर उसे हटाने के खिलाफ भी आवाज उठाई। भले ही आज गंगूबाई इस दुनिया में नहीं है लेकिन मुंबई के कामठीपुरा इलाके में उनकी प्रतिमा का होना लोगों के प्रति उनका सम्मान जाहिर करता है।
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