अब जम्मू-कश्मीर में कोई भी खरीद सकेगा अपने सपनों का घर! लागू किया गया नया कानून

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 28, 2020

श्रीनगर। केंद्र ने मंगलवार को कई कानूनों में संशोधन कर देशभर के लोगों के लिए जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है। केंद्र के इस कदम का जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा के कई राजनीतिक दलों ने विरोध किया है। इन दलों ने कहा है कि केंद्र का यह कदम पूर्ववर्ती राज्य को ‘बिक्री के लिए पेश’ करने जैसा है। वहीं भाजपा ने कहा है कि इन संशोधनों से संघ शासित प्रदेश में ‘विकास की धारा’ बहेगी। इससे यहां प्रगति और समृद्धि का नया दौर शुंरू होगा। एक साल पहले केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त किया था। गृह मंत्रालय ने हिंदी और अंग्रेजी में जारी 111 पृष्ठ की अधिसूचना में भूमि कानूनों में कई बदलाव किए हैं। इनके तहत कृषि भूमि का इस्तेमाल सार्वजनिक सुविधाओं के विकास के लिए करने की अनुमति दी गई है। जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव केंद्र के पास भूमि के निपटान से संबंधित संशोधन है। केंद्र ने कानून की धारा 17 के तहत ‘राज्य के स्थायी निवासी’ के वाक्य को हटा दिया है।

इसे भी पढ़ें: सेंसेक्स 258 अंकों की गिरावट के साथ खुला, भारती एयरटेल के शेयर में आई इतने प्रतिशत की उछाल

पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए हटाए जाने से पहले गैर-निवासी जम्मू-कश्मीर में अचल संपत्तियां नहीं खरीद सकते थे। ताजा बदलावों से गैर-निवासियों के लिए संघ शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ये संशोधन कृषि भूमि का स्थानांतरण गैर-कृषि कार्य वालों को करने की अनुमति नहीं देते हैं। हालांकि, कानून में कई रियायतें दी गई हैं, जिनके तहत कृषि जमीन को गैर-कृषि कार्य के लिए स्थानांतरित किया जा सकता है। इनमें शैक्षणिक या स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं का विकास शामिल है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व महाधिवक्ता इशाक कादरी ने कहा कि इन संशोधनों से जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों के लिए जमीन खरीदने का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब यहां बाहरियों के लिए जमीन खरीदने को लेकर किसी तरह की कानूनी रोक नहीं है।’’ इस अधिसूचना के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों की ओर नाराजगी भरी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई। इन दलों ने केंद्र के इस कदम को ‘जम्मू-कश्मीर को बिक्री’ के लिए पेश करना करार दियाहै। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ शासित प्रदेश के लोगों को अन्य राज्यों में उपलब्ध मौलिक संरक्षण भी उपलब्ध नहीं कराये गये हैं।

प्रमुख खबरें

Election Commission ने AAP को चुनाव प्रचार गीत को संशोधित करने को कहा, पार्टी का पलटवार

Jammu Kashmir : अनंतनाग लोकसभा सीट के एनपीपी प्रत्याशी ने अपने प्रचार के लिए पिता से लिये पैसे

Mumbai में बाल तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, चिकित्सक समेत सात आरोपी गिरफ्तार

‘आउटर मणिपुर’ के छह मतदान केंद्रों पर 30 अप्रैल को होगा पुनर्मतदान