यूपी में तमाम प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को रोजगार देने की सभी सम्भावनाएं मौजूद: योगी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 26, 2020

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों से वापस लौटे श्रमिकों और कामगारों को रोजगार के पर्याप्त अवसर देने की सभी सम्भावनाएं मौजूद हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान की शुरुआत के मौके पर योगी ने कहा कि प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों के लिये रोजगार के पर्याप्त मात्रा में अवसर सृजन की सभी सम्भावनाएं मौजूद हैं। ‘‘मैं आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश में इन श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने में हमें कामयाबी मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोरोना संकट के दौर में देश में कामगारों और श्रमिकों के लिये जिन योजनाओं को आगे बढ़ाने का मार्गदर्शन दिया था, उसी क्रम में आज आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के तहत प्रदेश के कामगारों और श्रमिकों के लिये इस योजना का शुभारम्भ किया जा रहा है। इसके तहत सवा करोड़ से अधिक कामगारों और श्रमिकों को रोजगार, उद्योगों में समायोजन और स्वरोजगार दिया जा रहा है। योगी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने चार लाख तीन हजार एमएसएमई इकाइयों को 10 हजार 600 करोड़ रुपये के कर्ज के आनलाइन वितरण की शुरूआत की है। इसमें ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों के माध्यम से सामुदायिक शौचालयों के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिये, मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण सड़कों के साथ-साथ तालाबों की खुदाई तथा अन्य कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में 60 लाख से अधिक रोजगारों का सृजन शुरू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों को एमएसएमई तथा अनलॉक के बाद शुरू हो रहे उद्योगों में उन्हें समायोजित करने के साथ ही महिला आजीविका समूह के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों को किसान उत्पादक समूहों के तहत पांच लाख से अधिक कामगारों और श्रमिकों के नियोजन, केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रकार की राजमार्ग के परियोजनाओं, एक्सप्रेसवे, सिंचाई परियोजनाओं, वृक्षारोपण के वृहद कार्यक्रमों के साथ ही ग्राम्य विकास तथा नगर विकास विभाग के तहत संचालित विभिन्न परियोजनाओं में 10 लाख से अधिक श्रमिकों और कामगारों को रोजगार दिया जा रहा है। 

 

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उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत दो लाख 68 हजार एमएसएमई इकाइयों को 6565 करोड़ रुपये का कर्ज और एक लाख 35 हजार नयी इकाइयों को 4034 करोड़ का कर्ज देने के साथ ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान के तहत पांच हजार कारीगरों को टूल किट का वितरण भी यहां किया जा रहा है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने शुरू से ही सभी प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग पर जोर दिया था। प्रदेश में आये श्रमिकों में से 18 साल के कम के बच्चों को छोड़ दें तो शेष 30 लाख 47 हजार कामगारों और श्रमिकों का कुशलता से स्किल मैपिंग कार्य सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अनलॉक के बाद सात लाख 80 हजार एमएसएमई को फिर से शुरू करने में कामयाबी मिली और विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए आत्मनिर्भर भारत के तहत पहले चरण में 57 हजार इकाइयों को 2002 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान का लक्ष्य रोजगार प्रदान करने, स्थानीय स्तर पर उद्यमिता को बढा़वा देने और रोजगार के मौके उपलब्ध कराने के लिए औद्योगिक संगठनों और अन्य संस्थानों को साथ जोड़ना है।

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