सामाजिक न्याय के लिए अंबेडकर के अथक प्रयासों ने उन्हें महान बनाया: संयुक्त राष्ट्र

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 14, 2018

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि वंचित व पिछड़े वर्ग को राजनीतिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भीमराव आंबेडकर द्वारा किये गये ‘‘अथक प्रयासों’’ ने दुनिया में उन्हें एक महान ‘‘प्रवर्तक’’ बनाया और समानता और सामाजिक न्याय की उनकी दृष्टि की छाप संयुक्त राष्ट्र के 2030 विकास एजेंडे में झलकती है। आंबेडकर के 127 वें जयंती के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में अपने संबोधन में डेवलपमेंट प्रोग्राम ऐडमिनिस्ट्रेटर अकीम स्टेनर ने कहा कि सतत विकास अंबेडकर की ‘‘समतावादी दृष्टि’’ का मूल मर्म था।

उन्होंने कहा, ‘‘आंबेडकर समझते थे कि समाज में बढ़ती असमानताएं राष्ट्र और लोगों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिए बुनियादी चुनौतियां पैदा करती है।’’ स्टेनर ने कहा, ‘‘वंचित व दलित समुदायों को राजनीतिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाने, ताकि श्रमिकों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार हो और समाज के हरेक व्यक्ति को शिक्षा मिले, इस दिशा में उनके द्वारा किये गये अथक प्रयासों ने उन्हें भारत और अन्य देशों में एक प्रवर्तक के रूप में पहचान दी।’’ 

 

उन्होंने कहा, ‘‘समान अवसर और उस तक पहुंच सुनिश्चित कर सभी के लिए विकास करने की डॉ. आंबेडकर की दृष्टि का सार सतत विकास के लिए 2030 एजेंडे में भी निहित है।’’ स्टेनर ने कहा कि भारत सरकार ने अपने विकास एजेंडे के केंद्र में ‘सबका साथ सबका विकास’ के विचार को रखकर भारतीय संविधान के निर्माता के आदर्शों को कायम रखने की अपनी " गहरी प्रतिबद्धता " को प्रस्तुत किया है।

 

प्रमुख खबरें

Idli For Breakfast: नाश्ते को बनाना है टेस्टी और हेल्दी तो सर्व करें ये अलग-अलग तरह की इडली

World Laughter Day 2024: खुश रहना और खुशियां बांटना है वर्ल्ड लाफ्टर डे का उद्देश्य, जानिए इतिहास

World Laughter Day 2024: हंसी ही दुनिया को एकजुट करने में सक्षम

भारत की पुरुष 4x400 मीटर टीम विश्व रिले की हीट को पूरा करने में नाकाम