रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच सोशल मीडिया पर पीएम मोदी से उठी, पीओके और अक्साई चिन वापस लेने की मांग

By टीम प्रभासाक्षी | Feb 28, 2022

रूस और यूक्रेन के बीच इस समय भीषण जंग जारी है। एक और जहां पूरी दुनिया इन दोनों देशों के युद्ध को लेकर चिंतित है। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन पर रूस का हमला होने के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी से अक्साई चिन और पीओके वापस लेने की मांग उठ रही है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद देश का सोशल मीडिया दो धड़े में बढ़ता दिखाई दे रहा है। एक धड़ा वह है जो पर सोशल मीडिया यूजर रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए हमले की निंदा करते हुए हिंसा को खत्म करने की अपील कर रहे हैं। वहीं दूसरे धड़े में सोशल मीडिया पर ऐसे भी लोग हैं जो पुतिन की तारीफ करते हुए मोदी से उनके नक्शे कदम पर चलने की मांग कर रहे हैं।


सोशल मीडिया पर ऐसी कई टिप्पणियां की गई है जिसमें भारत से विवादित क्षेत्रों जैसे पाक प्रशासित कश्मीर और अक्साई चिन को पाकिस्तान और चीन से वापस लेने की मांग की जा रही है। सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणियों में यूक्रेन पर रूस के हमले को अखंड रूस की दिशा में उठाया गया कदम बताया जा रहा है। इसी के साथ अखंड भारत की मांग भी उठाई जा रही है और साथ में नक्शे भी शेयर किए जा रहे हैं।


क्या है अखंड भारत का मतलब

अखंड भारत से मतलब उस भारत से है जिसमें पाकिस्तान और चीन के साथ विवादित क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के कई पड़ोसी देश शामिल होते। आपको बता दें बीजेपी और आरएसएस के सदस्यों की ओर से इस तरह की मांग पहले भी उठाई जाती रही है। इस ट्रेंड को ट्विटर से लेकर फेसबुक तक देखा जा सकता है। ट्विटर पर कई यूजर वेरीफाइड अकाउंट के साथ इस मांग को उठा रहे हैं। और फेसबुक पर बड़े समूहों में इस पर चर्चा देखी जा रही है।


इस तरह की पोस्ट किए जा रहे हैं

एक पोस्ट में बीजेपी नेता और अंबेडकर नगर से पूर्व सांसद हरिओम पांडे ने अपने 80,000 से ज्यादा फॉलोवर वाले वेरीफाइड अकाउंट से ऐसी ही एक पोस्ट की है। इसी तरह बीजेपी के आईटी सेल से जुड़े शिवराज सिंह दाबी 30,000 से ज्यादा फॉलोअर वाले अपने वेरीफाइड अकाउंट से लिखते हैं, राष्ट्रपति पुतिन ने बताया है कि किस तरह एक बार फिर अखंड रूस बन सकता है। हमें भी अखंड भारत की उम्मीद नहीं होनी चाहिए।


एक पोस्ट लेखक भावना अरोड़ा ने अपने 169,000 फॉलोवर वाले वेरीफाइड अकाउंट से की, क्योंकि हमें पता चल गया है कि नाटो और यूएन की क्षमता क्या है तो अब समय आ गया है कि हम पीओके को वापस ले लें। तमिलनाडु के पत्रकार ने लिखा है अब क्योंकि हासिल करने के लिए हमारे पास टेंप्लेट है। कुछ अन्य टिप्पणियों में लिखा गया है, लोहा गरम है मार दो हथोड़ा। इसके अतिरिक्त ऐसे ही कुछ बयान मीम के साथ शेयर किए गए हैं।


रूसी हमले की निंदा करने से बच रहा है भारत

पीएम मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन के साथ फोन पर हुई बातचीत में हिंसा रोकने और बातचीत एवं कूटनीति पर जोर देने की अपील की है। भारत ने यूक्रेन की स्थिति पर खेद तो व्यक्त किया है लेकिन वह रूसी हमले की निंदा करने से बचने की कोशिश कर रहा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर हुए हमले की निंदा तो की लेकिन वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।


बात अगर सोशल मीडिया पर उठी मांग की बात करें तो यूक्रेन पर रूसी हमले की तुलना चीन और पाकिस्तान से विवादित क्षेत्रों को वापस लेने से करना बहुत जोखिम भरा है। सबसे बड़ा जोखिम तो यही है कि जहां यूक्रेन ने 1990 में अपने परमाणु हथियार त्याग दिए थे, वहीं चीन और पाकिस्तान परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी भारतीय नेताओं एस जयशंकर और अमित शाह ने पीओके और अक्साई चिन को भारत का अभिन्न अंग बताया था।


क्या दोनों हालातों की तुलना की जा सकती है

जानकार मानते हैं कि यूक्रेन पर उसके हमले से भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद की तुलना करना सही नहीं है। दोनों क्षेत्रों के बीच कोई तुलना ही नहीं है। रक्षा विशेषज्ञ और पूर्व मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ कहते हैं कि इन दोनों क्षेत्रों के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती। इसकी महत्वपूर्ण वजह यह है कि रूस ने यूक्रेन पर हमले के पीछे सुरक्षा को अपनी प्राथमिक चिंता का कारण बताया है, जबकि भारत के लिए ऐसी कोई सुरक्षा चिंता अभी नहीं है। परमाणु शक्ति, सैन्य शक्ति और इलाके में अंतर जैसे पहलुओं में भी बहुत अंतर है। पीओके के अक्साई चिन में टैंकों की गड़गड़ाहट नहीं देखना चाहेंगे।

प्रमुख खबरें

कनाडा और उड़ानों, वायु मार्गों को जोड़ने के लिए भारत के साथ काम कर रहा : PM Trudeau

भीषण गर्मी के बीच Jharkhand सरकार ने 8वीं तक की कक्षाएं निलंबित कीं

Ola Mobility के CEO हेमंत बख्शी का इस्तीफा, 10-15 प्रतिशत कर्मचारियों की हो सकती छंटनी

अमेठी, रायबरेली से उम्मीदवारों पर फैसले के लिए खरगे को अधिकृत किया गया: Congress