जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर अमित शाह ने की उच्च स्तरीय बैठक, LG मनोज सिन्हा भी रहे मौजूद

By अंकित सिंह | May 17, 2022

जम्मू कश्मीर की वर्तमान सुरक्षा स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज एक हाई लेवल बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब आतंकियों की ओर से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है। अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला सहित खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख भी शामिल है। इस बैठक में अमरनाथ यात्रा को लेकर तैयारियों का भी अमित शाह ने जायजा लिया। अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है। अमरनाथ यात्रा 2 साल के बाद फिर से शुरू किया जा रहा है। आज के इस बैठक में सरकारी कर्मचारी राहुल भट की हत्या का भी मुद्दा उठा। इसके अलावा पुलिस कांस्टेबल रियाज अहमद ठोकर की हत्या को लेकर भी चर्चा हुई।

 

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बडगाम जिले में 12 मई को सरकारी कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों ने उनके कार्यालय के अंदर घुसकर हत्या कर दी थी। वहीं, पिछले हफ्ते जम्मू में कटरा के पास एक बस में आग लगने से चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और कम से कम 20 अन्य जख्मी हो गए थे। पुलिस को शक है कि आग लगाने के लिए शायद “स्टिकी’’ (चिपकाने वाले) बम का इस्तेमाल किया गया था। भट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए है। उन्होंने घाटी में प्रदर्शन किया और अपने समुदाय के सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने तथा उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। 

 

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जम्मू-कश्मीर की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साझा मंच ‘‘गुपकार घोषणापत्र गठबंधन’’ ने रविवार को कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अपील की कि वे घाटी छोड़कर नहीं जाएं। गठबंधन ने कहा कि यह उनका घर है और यहां से उनका जाना ‘‘सभी के लिए पीड़ादायक होगा।’’ हिंसा की हालिया घटनाओं के बाद अमरनाथ यात्रा अहम सुरक्षा चुनौती है और इसके सुचारू रूप से संपन्न होने के लिए केंद्र सरकार अर्धसैनिक बलों के कम से कम 12,000जवानों के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के हजारों कर्मियों को भी तैनात करेगी। पहाड़ी गुफा में स्थित अमरनाथ मंदिर की वार्षिक यात्रा 2020 और 2021 में कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सकी थी। 2019 में, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से ठीक पहले इसे संक्षिप्त कर दिया गया था। यात्रा में लगभग तीन लाख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है और यह यात्रा 11 अगस्त को समाप्त हो सकती है।

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