By अंकित सिंह | May 30, 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को पुंछ में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों से बातचीत की। बीएसएफ जवानों से बातचीत के दौरान अमित शाह ने कहा कि जब भी भारतीय सीमा पर किसी भी तरह का हमला होता है, चाहे वह संगठित हो या असंगठित, चाहे वह गुप्त हो या सार्वजनिक, हमारे बीएसएफ के जवान सबसे पहले उसका सामना करते हैं। बीएसएफ के जवान 24 घंटे, 365 दिन उपलब्ध रहते हैं। वे सतर्क और समर्पित रहते हैं और इस वजह से, किसी भी तरह का हमला देश को गहरी चोट नहीं पहुंचा पाता है क्योंकि मेरे बीएसएफ जवान का सीना सबसे पहले उसका सामना करता है।
अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में अपनी परंपरा को कायम रखते हुए जम्मू फ्रंटियर के BSF जवान, राजस्थान फ्रंटियर के BSF जवान और दूर-दराज के कच्छ बॉर्डर पर तैनात जवान, सभी ने पूरी सजगता के साथ सीमा की रक्षा की। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान ने हमारी सीमा और हमारे रिहायशी इलाकों पर हमला किया, तो हमारे BSF जवानों ने जम्मू फ्रंटियर में 118 से ज्यादा पाकिस्तानी चौकियों को तबाह और क्षतिग्रस्त कर दिया।
शाह ने कहा कि पाकिस्तान को अगर सबसे बड़ा नुकसान हुआ है तो वो है उनके सर्विलांस उपकरणों का नष्ट होना, और इसी वजह से लंबे समय तक वो पूरी जानकारी के साथ लड़ाई नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि 3 दिन की अवधि में 118 से ज़्यादा चौकियों को नुकसान पहुंचाना या पूरी तरह से नष्ट कर देना बहुत बड़ी बात है और ये बहादुरी तभी संभव है जब दिल में देशभक्ति का जज्बा हो और सर्वोच्च बलिदान देने का जुनून हो।
अमित शाह ने भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वालों को ‘‘कड़ा और निर्णायक’’ जवाब दिए जाने की चेतावनी देते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में शुरू हुआ जम्मू कश्मीर का विकास उकसावे भरी हालिया कार्रवाइयों के बावजूद न तो रुकेगा और न ही धीमा पड़ेगा। शाह ने सीमावर्ती जिले पुंछ से आश्वासन और संकल्प का संदेश देते हुए कहा कि हालिया अशांति के कारण विकास में आई रुकावट क्षणिक है और केंद्र शासित प्रदेश की प्रगति जल्द ही पुन: अपनी गति पकड़ लेगी।